गौशाला की व्यवस्थाओं का लिया जायजा
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री सक्सेना ने गौशाला के संचालन, गौवंश की देखभाल, चारा-भूसा और पानी की उपलब्धता की विस्तृत जानकारी ली। यह गौशाला मनरेगा योजना के तहत निर्मित की गई है और इसमें 100 गौवंश रखने की क्षमता है। वर्तमान में गौशाला में 103 गौवंश मौजूद हैं, जिनमें सड़कों पर आवारा घूमने वाली गायें भी शामिल हैं। गौशाला का संचालन ग्राम पंचायत बंदरकोला के श्री सिद्धि विनायक स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है।
आर्थिक गतिविधियों पर जोर
कलेक्टर ने गौशाला प्रबंधन को निर्देश दिए कि कम से कम 10 दुधारू गायों को रखा जाए, ताकि दूध उत्पादन के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने गौशाला की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने पर जोर देते हुए कहा कि प्रबंधन को इस तरह से संचालित किया जाए कि यह आत्मनिर्भर बने और स्थानीय समुदाय के लिए आय का स्रोत बन सके।
पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री सक्सेना, पुलिस अधीक्षक और सीईओ जिला पंचायत ने गौवंश को हरी घास खिलाई और गौशाला परिसर में पौधारोपण भी किया। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और गौशाला के परिसर को हरा-भरा बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
कलेक्टर के निर्देश: बेहतर प्रबंधन और आत्मनिर्भरता
कलेक्टर ने गौशाला के संचालन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रबंधन समिति को बेहतर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौशाला न केवल गौवंश की देखभाल के लिए हो, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक विकास का केंद्र भी बने।
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