मखाना खेती और किसानों की मेहनत
राहुल गांधी ने मखाना की खेती और उसकी प्रोसेसिंग की पूरी प्रक्रिया को ध्यान से देखा और किसानों से लंबी बातचीत की। उन्होंने कहा, “बिहार दुनिया का 90% मखाना पैदा करता है, लेकिन दिन-रात मेहनत करने वाले किसान और मजदूर मुनाफे का 1% भी नहीं कमा पाते।” उन्होंने मखाना किसानों की गरीबी और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को राष्ट्रीय मंच पर उठाने का वादा किया।
मुकेश साहनी ने समझाई प्रक्रिया
मुकेश साहनी ने राहुल गांधी को तालाब से मखाना निकालने और उसे तैयार करने की पूरी विधि विस्तार से समझाई। साहनी ने कहा, “सरकार ने मखाना किसानों के लिए बड़े-बड़े भाषण तो दिए, लेकिन उनकी जिंदगी में कोई सुधार नहीं हुआ। हमारी सरकार बनी तो मजदूरों और किसानों के लिए खुशहाली लाएंगे।” साहनी ने भी मखाना फोड़ने की प्रक्रिया में हिस्सा लिया।
राहुल गांधी का सोशल मीडिया बयान
राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस दौरे की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “वोट चोर सरकार को न इनकी कदर है, न फिकर। न आय दी, न न्याय। वोट का अधिकार और हुनर का हक़ एक सिक्के के दो पहलू हैं, और हम इन्हें खोने नहीं देंगे।” यह बयान उनकी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के उद्देश्य को रेखांकित करता है, जो मतदाताओं के अधिकारों और सामाजिक न्याय पर केंद्रित है।
मखाना किसानों की समस्याएं
मखाना खेती श्रमसाध्य और जोखिम भरी है, लेकिन किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिलता। राहुल गांधी और मुकेश साहनी ने इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्र और राज्य सरकारों पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया।
सियासी निहितार्थ
राहुल गांधी का यह दौरा बिहार में आगामी चुनावों से पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मखाना किसानों के बीच उनकी मौजूदगी और उनकी समस्याओं को उठाने का प्रयास स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है।

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