किसानों का आक्रोश: वादों पर अमल नहीं
बैठक में उपस्थित किसानों ने एक स्वर में कहा कि सरकार ने चुनाव के दौरान कई बड़े वादे किए थे, लेकिन उनमें से अधिकांश आज तक पूरे नहीं हुए। उन्होंने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। किसानों ने स्पष्ट किया कि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे और हर संभव प्रयास करेंगे ताकि उनकी मांगें पूरी हों।
किसानों ने कहा, "हम सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि हम अपने हक के लिए चुप नहीं बैठेंगे। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे।" इस मंथन बैठक में किसानों ने एकजुट होकर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए लड़ने का संकल्प लिया।
एकजुटता और आंदोलन की तैयारी
किसानों ने बैठक में यह भी निर्णय लिया कि वे सरकार के साथ बातचीत को प्राथमिकता देंगे, लेकिन यदि उनकी मांगें अनसुनी रहीं, तो वे आंदोलन को और व्यापक करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसल नुकसान के लिए उचित मुआवजा, और अन्य कृषि-संबंधी मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
प्रमुख उपस्थित व्यक्तित्व
बैठक में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती ज्योति उमरे, जनपद सदस्य दिनेश लांडे, जनपद पंचायत श्री बेदरे जी, राम देवीचरण ठाकरे (सरपंच), ललित कबीरे (सरपंच संघ अध्यक्ष), मोहझरी उप सरपंच रीता कृष्णकांत रावते, और होमेश्वर घोरमारे (माझी सरकार अध्यक्ष, लांजी) सहित क्षेत्र के कई किसान उपस्थित रहे। इन सभी ने किसानों के हित में एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प दोहराया।
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