शेषाद्रि चारी कौन हैं?
शेषाद्रि रामानुजन चारी एक प्रख्यात भारतीय राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, और रणनीतिक व विदेश नीति विश्लेषक हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के समर्पित स्वयंसेवक हैं और लंबे समय से बीजेपी के वैचारिक आधार को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। चारी 1992 से 2004 तक RSS के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ के संपादक रहे और रक्षा, रणनीतिक अध्ययन, और विदेश नीति जैसे विषयों पर उनकी गहरी समझ है। वह राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान (INSS) के निदेशक और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) में सलाहकार के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
उपराष्ट्रपति की रेस में क्यों हैं आगे?
शेषाद्रि चारी का नाम सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तेजी से चर्चा में है। बीजेपी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को उम्मीदवार चुनने का अधिकार सौंपा है। चारी का चयन बीजेपी की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो एक वैचारिक रूप से मजबूत और अनुभवी नेता को उपराष्ट्रपति पद पर देखना चाहती है। उनकी RSS पृष्ठभूमि और दक्षिण भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु से संबंध, बीजेपी की दक्षिणी राज्यों में विस्तार की रणनीति को मजबूत कर सकता है।
बीजेपी की रणनीति और दक्षिण भारत कनेक्शन
2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ बीजेपी दक्षिण भारत में अपनी पैठ बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है। चारी का तमिलनाडु से संबंध और उनकी स्वीकार्यता बीजेपी के लिए ‘साउथ कार्ड’ के रूप में काम कर सकती है। हालांकि, जेडीयू नेताओं जैसे राम नाथ ठाकुर और नीतीश कुमार के नाम भी चर्चा में थे, लेकिन बीजेपी ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अपने कोर कैडर से किसी अनुभवी चेहरे को चुनना चाहती है, और चारी इस रणनीति में पूरी तरह फिट बैठते हैं।
अन्य संभावित उम्मीदवार
शेषाद्रि चारी के अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन के नाम भी चर्चा में हैं। राजनाथ सिंह की वरिष्ठता और संसदीय अनुभव उन्हें मजबूत दावेदार बनाते हैं, लेकिन उनकी वर्तमान भूमिका को देखते हुए चारी का नाम प्रबल है। हरिवंश सिंह की जेडीयू पृष्ठभूमि और संसदीय अनुभव भी उन्हें दावेदार बनाते हैं, लेकिन चारी की RSS निकटता और वैचारिक मजबूती उन्हें बढ़त दे रही है।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल द्वारा होता है। एनडीए के पास वर्तमान में 422 सांसदों का समर्थन है, जो जीत के लिए आवश्यक 394 वोटों से अधिक है। चुनाव आयोग ने 23 जुलाई 2025 को चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है, और नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त है। 9 सितंबर को मतदान और परिणाम की घोषणा होने की संभावना है।
बीजेपी का रणनीतिक दांव
शेषाद्रि चारी का संभावित चयन बीजेपी की उस रणनीति को दर्शाता है, जो वैचारिक मजबूती और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता देती है। उनकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में विशेषज्ञता, साथ ही RSS के साथ गहरा जुड़ाव, उन्हें इस पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है। यह फैसला न केवल बीजेपी के कोर समर्थकों को उत्साहित करेगा, बल्कि दक्षिण भारत में पार्टी की उपस्थिति को भी मजबूत कर सकता है।

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