स्पीड ब्रेकरों से जलभराव और दुर्घटना का खतरा
ये अवैध स्पीड ब्रेकर न केवल राहगीरों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं, बल्कि बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या को और गंभीर कर रहे हैं। आसपास की नालियों की सफाई न होने के कारण पानी का बहाव रुक जाता है, जिससे सड़क पर जलभराव हो रहा है। इसके अलावा, इन स्पीड ब्रेकरों पर कोई मार्किंग या रिफ्लेक्टर नहीं होने से रात के समय बाइक चालकों को दुर्घटना का खतरा बना रहता है। शिकायतकर्ता समीर वर्मा के अनुसार, ये ब्रेकर शासकीय नियमों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि दो स्पीड ब्रेकरों के बीच न्यूनतम 100-120 मीटर की दूरी होनी चाहिए, जबकि यहां 100 मीटर से कम दूरी पर तीन ब्रेकर बनाए गए हैं।
नपा सीएमओ का गैर-जिम्मेदाराना रवैया
नपा सीएमओ ने इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उनके एक बयान में कहा गया कि ये स्पीड ब्रेकर नगरपालिका द्वारा नहीं बनाए गए। यह बयान उनकी लापरवाही को उजागर करता है, क्योंकि सड़क पर बने इन ब्रेकरों की जिम्मेदारी नगरपालिका की ही है। शिकायतकर्ता समीर वर्मा ने बताया कि 18 जुलाई 2025 को उन्होंने सीएमओ को टेलीफोन और व्हाट्सएप के माध्यम से जलभराव का वीडियो भेजकर समस्या से अवगत कराया था, लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएमओ से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल तक रिसीव नहीं किया।
कलेक्टर के आदेश भी बेअसर
इस मामले को लेकर कलेक्टर मृणाल मीना को भी सूचित किया गया, जिन्होंने सीएमओ को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, न तो स्पीड ब्रेकर हटाए गए और न ही जलभराव की समस्या का समाधान हुआ। नालियों की सफाई न होने के कारण इस वर्ष बारिश में सड़क पर अभूतपूर्व जलभराव देखा गया, जो पिछले कई दशकों में नहीं हुआ था।
शिकायतकर्ता की मांग
समीर वर्मा ने कहा कि नपा सीएमओ को इन अवैध स्पीड ब्रेकरों को तत्काल हटवाना चाहिए और नियमों के अनुसार नए ब्रेकर बनाए जाने चाहिए। साथ ही, नालियों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि जलभराव की समस्या से निजात मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वार्डवासी और राहगीर इस मुद्दे को और बड़े स्तर पर उठाने के लिए मजबूर होंगे।
वार्ड नंबर 20 की इस समस्या ने नपा प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। अवैध स्पीड ब्रेकरों और जलभराव की समस्या का समाधान न होना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए रोजमर्रा की परेशानी का कारण भी बन रहा है। अब देखना यह है कि नपा सीएमओ इस मामले में कब तक अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते रहेंगे।
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