घाट में नक्सलियों ने ग्रामीण युवक का किया अपहरण, पुलिस मुखबिरी का आरोप, सर्च ऑपरेशन तेज

लांजी, बालाघाट, 18 सितंबर 2025। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित लांजी थाना क्षेत्र के ग्राम चौरिया में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। नक्सलियों ने ग्रामीण युवक देवेंद्र यादव का अपहरण कर लिया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की मलाजखंड एरिया कमेटी ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए दो पर्चे छोड़े हैं, जिनमें लाल स्याही से लिखा गया है कि देवेंद्र पुलिस मुखबिरी कर रहा था। पुलिस और हॉक फोर्स ने जंगलों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।


घटना का विवरण

16 सितंबर की शाम चौरिया गांव के जंगल में दहियान का काम करने वाले 22 वर्षीय देवेंद्र यादव लापता हो गए। सूत्रों के अनुसार, देवेंद्र के साथ अवधेश यादव भी जंगल में मवेशी लाने गया था। जब अवधेश वापस लौटा, तो उसने दहियान में देवेंद्र की बाइक और मोबाइल खड़ी देखी। वहां दो कागजों पर लाल स्याही से लिखे पर्चे भी मिले, जिनमें नक्सलियों ने देवेंद्र पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया और उसे "मौत की सजा" देने की बात कही।

पर्चों में मलाजखंड एरिया कमेटी, भाकपा (माओवादी) का जिक्र है। पहले पर्चे में लिखा है:

"यह आदमी देवेंद्र यादव पुलिस मुखबिर था। माओवादी पार्टी दल का समाचार 3-4 बार दिया था और पतासाजी करने डेरा को ढूंढता था और पुलिस को खबर देता था। इसको पुलिस ने ही जंगल में दहान के नाम से बैठाया था। पितकोना पुलिस चौकी वालों को दही-दूध पहुंचाता था। यह सभी जांच करने के बाद इसे मौत की सजा दी गई। बाकी और कोई भी पुलिस मुखबिर बनकर जनविरोधी काम पर नहीं जाना है।"

दूसरे पर्चे में नक्सलियों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए लिखा:

"पुलिस हमारे ही गरीब लोगों को एक-दूसरे से लड़वाकर मरवाने का काम करती है। पुलिस सामंतवादी-साम्राज्यवादियों की रक्षा करती है, गरीबों को लूटती है, विस्थापित और विनाश करती है। इसलिए पुलिस से दूर रहिए।"

पुलिस का सर्च ऑपरेशन

बालाघाट जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संजय कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि देवेंद्र यादव के लापता होने की सूचना मिली है और मौके से नक्सली पर्चे बरामद हुए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि देवेंद्र के मिलने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह अपहरण नक्सलियों ने किया है या कोई अन्य कारण है। पुलिस और हॉक फोर्स ने चौरिया और आसपास के जंगलों में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जंगलों में 1000 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है।

देवेंद्र की पृष्ठभूमि

सूत्रों के मुताबिक, देवेंद्र यादव तीन बहनों का इकलौता भाई है और उसके माता-पिता का देहांत हो चुका है। वह जंगल में दहियान का काम करता था। अपहरण की खबर से उसका परिवार और गांव में दहशत का माहौल है। अवधेश यादव, जो देवेंद्र के साथ जंगल गया था, भयभीत अवस्था में घर लौटा है।

बालाघाट पुलिस का मिशन-2026

बालाघाट पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ "मिशन-2026" शुरू किया है, जिसका लक्ष्य जिले से नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा करना है। पुलिस लगातार नक्सलियों के नेटवर्क को तोड़ने और उनकी विचारधारा को कमजोर करने में जुटी है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में भी नक्सल उन्मूलन अभियान तेज हुआ है, जहां मोस्ट वांटेड नक्सली लीडर माड़वी हिडमा को घेरने की कोशिश की जा रही है।

नक्सलियों की चेतावनी

नक्सलियों ने पर्चों के जरिए ग्रामीणों को पुलिस से दूर रहने और मुखबिरी न करने की चेतावनी दी है। उन्होंने ग्रामीणों से अपने गांवों में "मुखबिरों को सुधारने" की बात कही है। पुलिस इन पर्चों की जांच कर रही है, हालांकि कुछ सूत्रों का कहना है कि ये पर्चे हाथ से लिखे हुए हैं, जो संदेहास्पद है, क्योंकि नक्सली आमतौर पर प्रिंटेड बैनर और पोस्टर छोड़ते हैं।

यह घटना बालाघाट में नक्सलियों की सक्रियता को दर्शाती है, जो पुलिस के बढ़ते दबाव के बावजूद अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस और हॉक फोर्स का सर्च ऑपरेशन जारी है, और देवेंद्र यादव की सुरक्षित बरामदगी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है, और ग्रामीणों में डर का माहौल है।

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