दिग्विजय सिंह को इंदौर के शीतला माता मंदिर जाने से रोका: कांग्रेस ने मौलिक अधिकारों का हनन बताया

जबलपुर/इंदौर, 29 सितंबर 2025: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को नवरात्रि के पावन अवसर पर इंदौर स्थित शीतला माता मंदिर के दर्शन करने से रोकने की घटना ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। कांग्रेस पार्टी ने इसे भारतीय संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन बताते हुए प्रदेश सरकार पर भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है। पार्टी नेताओं ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो और प्रभावित व्यापारियों को न्याय मिले।


यह घटना 27 सितंबर को घटी, जब दिग्विजय सिंह शीतला माता बाजार पहुंचे। यहां हाल के दिनों में सांप्रदायिक तनाव के कारण मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से निकालने की धमकियां मिल रही हैं। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर सिंह को आगे बढ़ने से रोका, जिसके बाद वे पैदल ही सराफा थाने पहुंचे। सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, "मैं नवरात्रि के अवसर पर शीतला माता के दर्शन करने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। यह अधर्मी शासन का प्रमाण है।"

कांग्रेस का तीखा प्रहार: शासन की चुप्पी पर सवाल

कांग्रेस नेता टीकाराम कोष्टा

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष (ओबीसी विभाग) टीकाराम कोष्टा ने जबलपुर में पत्रकारों से बातचीत में इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को शीतला माता मंदिर जाने से रोका जाना संवैधानिक अधिकारों का हनन है। जितनी निंदा हो, उतनी कम है। प्रदेश सरकार व्यवस्था बनाने में असमर्थ क्यों है? यह भेदभाव क्यों हो रहा है?" कोष्टा ने इंदौर के व्यापारियों के दर्द को भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि बाजार में 25-30 साल से दुकानें चला रहे एक समुदाय के लोगों को धमकियां मिल रही हैं। "सेल्समैनों को निकालने की चेतावनी दी जा रही है, लेकिन शासन-प्रशासन मौन साधे हुए है। यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।"

कोष्टा के अलावा, प्रदेश महासचिव रामदास यादव, प्रदेश कोऑर्डिनेटर (ओबीसी विभाग) अलीम मंसूरी, विजय अग्रवाल, राजेश पटेल, डॉ. मोइन अंसारी, मामूर गुड्डू, अशोक यादव, अशोक चौधरी और संजू शर्मा समेत कई वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर एकजुट हुए। उन्होंने संयुक्त बयान जारी कर प्रदेश सरकार से मांग की है कि मंदिर प्रवेश रोकने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो और बाजार में शांति बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। यादव ने कहा, "नवरात्रि जैसे पवित्र पर्व पर आस्था पर प्रतिबंध लगाना लोकतंत्र का अपमान है। हम पीड़ितों के साथ खड़े हैं।"

शीतला माता बाजार विवाद: सांप्रदायिक तनाव की जड़ें

शीतला माता बाजार इंदौर का एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है, जहां हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग दशकों से मिलजुलकर व्यापार कर रहे हैं। लेकिन हाल के हफ्तों में कुछ संगठनों द्वारा मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की मांग ने विवाद को भड़का दिया। दिग्विजय सिंह का दौरा इसी संदर्भ में था, जहां वे प्रभावित व्यापारियों से मिलने और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश देने जा रहे थे। पुलिस का हस्तक्षेप और बैरिकेडिंग ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया। विपक्षी दलों ने इसे "भगवा उन्माद" का परिणाम बताया है, जबकि सत्ताधारी भाजपा ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि शासन ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन तेज होगा। कोष्टा ने कहा, "हम संविधान की रक्षा करेंगे। कोई भी भेदभाव बर्दाश्त नहीं होगा।" यह घटना मध्य प्रदेश की राजनीति में सांप्रदायिक सद्भाव पर नई बहस छेड़ सकती है, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर।

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