बालाघाट: गोदग्राम कालीमाटी में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला, एड्स, मलेरिया और पोषण पर दी गई जानकारी

लांजी, बालाघाट, 12 सितंबर 2025। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी तहसील के गोदग्राम कालीमाटी में 12 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा एक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सचिव, जिला एड्स नियंत्रण समिति, बालाघाट के निर्देशानुसार किया गया। इस कार्यक्रम में एड्स, मलेरिया और पोषण जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों पर ग्रामीणों को जागरूक करने पर जोर दिया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ

कार्यशाला का शुभारंभ प्रो. आर.आर. सोनवाने (प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय, लांजी) और श्रीमती आशा लक्ष्मीचंद घोरमारे (सरपंच, ग्राम पंचायत कालीमाटी) ने मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी नितेश मेश्राम ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

सरपंच और विशेषज्ञों का संबोधन

ग्राम पंचायत कालीमाटी की सरपंच श्रीमती आशा लक्ष्मीचंद घोरमारे ने अपने संबोधन में कहा, "महाविद्यालय द्वारा ग्राम को गोद लेने और इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने से हमें स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का समाधान मिल रहा है। हमें मिलकर स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिए।" उन्होंने महाविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और ग्रामीणों से सहयोग की अपील की।

सिविल अस्पताल, लांजी की आईसीटीसी काउंसलर श्रीमती प्रमिला कटरे ने एड्स जागरूकता पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "ग्रामीण स्तर पर एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है। हमें इस बीमारी के रोकथाम और उपचार के बारे में लोगों को शिक्षित करना होगा।"

कार्यक्रम में उमंग काउंसलर शिव हरिणखेड़े ने पोषण और संतुलित आहार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि उमंग पहल के तहत पोषण से संबंधित सत्यापित जानकारी प्रदान की जाती है, जो ग्रामीणों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। वहीं, लांजी अस्पताल के श्याम डोहरे (एनआईटीएस) ने मलेरिया के कारण, लक्षण और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।

अतिथियों और स्वयंसेवकों का योगदान

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित जनभागीदारी सदस्य शंकर धारणे ने कार्यशाला को ग्राम के लिए गौरवपूर्ण बताया और आयोजकों को शुभकामनाएं दीं। मंच संचालन करते हुए डॉ. डालेश कुमार विजयवार ने कहा, "राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक राष्ट्र और समाज की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इस तरह के आयोजन सामाजिक समस्याओं के समाधान में सहायक हैं।"

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. आर.आर. सोनवाने ने अपने समापन संबोधन में सरपंच और ग्राम पंचायत कालीमाटी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन ग्रामीण समुदायों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आयोजन में सहयोग

कार्यशाला को सफल बनाने में डॉ. गौतमा कठाने, महेश दमाहे, शशांक पटले, शुभम रामटेके, सुनिल तिड़के, ग्राम के वार्ड पंच, ग्रामीण जनता और एनएसएस के छात्र-छात्राओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त की।

स्वास्थ्य जागरूकता का महत्व

यह कार्यशाला ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता के महत्व को रेखांकित करती है। एड्स, मलेरिया और पोषण जैसे विषयों पर जागरूकता बढ़ाने से न केवल बीमारियों की रोकथाम संभव है, बल्कि ग्रामीण समुदायों का जीवन स्तर भी सुधर सकता है। इस तरह के आयोजन भविष्य में भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता को बढ़ाने में सहायक होंगे।

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