जुलूस का भव्य आयोजन
जुलूस याकूबिया मस्जिद से शुरू होकर सुभाष चौक होते हुए नगर के विभिन्न मार्गों से भ्रमण करता हुआ वापस मस्जिद पर समाप्त हुआ। इसके साथ ही, बिसोनी मस्जिद से निकला एक अन्य जुलूस मुख्य जुलूस में शामिल हुआ। जुलूस में मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिनमें विशेष रूप से युवाओं का उत्साह देखने योग्य था। स्थानीय लोगों ने जगह-जगह जुलूस का स्वागत किया, जिससे उत्सव का माहौल और भी जीवंत हो गया।
शांति और सौहार्द्र का प्रतीक
जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण मुस्तैदी दिखाई। थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस बल जुलूस के साथ मौजूद रहा और क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर व्यवस्था पर नजर रखी। इस कारण यह आयोजन शांति और सौहार्द्र के माहौल में संपन्न हुआ।
भाईचारे और इंसानियत का संदेश
इस अवसर पर इमाम साहब मोहम्मद सुलेमान ने कहा, "कायनात में वही इंसान बेहतर है, जो भलाई का काम करे। ईद-ए-मिलादुन्नबी आपसी भाईचारा, इंसानियत और भलाई का पैगाम देता है, जिसे हम सबको अपनाना चाहिए।" उन्होंने लोगों से समाज में शांति, सहयोग और एकता बनाए रखने की अपील की।
आयोजन में उल्लेखनीय योगदान
इस भव्य आयोजन में साजिद शालू अली, नावेद खान, असीम खान, तौसीफ शेख, नासिर खान, साजिद खान, वसीम खान, सूफियान खान, अरमान शेख, जुनेद खान, समीर खान, साहिल खान सहित मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों गणमान्य लोग शामिल रहे। उनकी सक्रिय भागीदारी ने इस पर्व को और भी यादगार बना दिया।
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