बंगलादेश में दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में 10 गिरफ्तार

ढाका/नयी दिल्ली, 21 दिसंबर — बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में कथित ईशनिंदा (blasphemy) के आरोप में 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या के मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने सात संदिग्धों को विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर पकड़ा है, जबकि पुलिस ने तीन अन्य को हिरासत में लिया है। गिरफ्तार लोगों में मो. लिमोन सरकार (19), मो. तारेक हुसैन (19), मो. मानिक मिया (20), एरशाद अली (39), निजुम उद्दीन (20), आलमगीर हुसैन (38) और मो. मिराज हुसैन आकॉन (46) शामिल हैं।

घटना 18 दिसंबर की रात को स्क्वायर मास्टरबारी क्षेत्र के डुबालिया पारा में हुई, जहां दीपू एक गारमेंट फैक्ट्री में मजदूर थे। आरोप है कि एक सहकर्मी से छोटी-मोटी विवाद के बाद उनके खिलाफ ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया। गुस्साई भीड़ ने उन्हें लाठियों से बुरी तरह पीटा, मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद भीड़ ने शव को पेड़ से बांधकर लटकाया और आग लगा दी। शव को ढाका-मयमनसिंह हाईवे पर लाकर दोबारा आग लगाई गई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।

रैपिड एक्शन बटालियन ने जांच में दावा किया है कि ईशनिंदा का आरोप बेबुनियाद था।

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने X पर लिखा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं है और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल ने भी हत्या की निंदा की है।

इस घटना पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आक्रोश है। निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने दावा किया कि आरोप झूठा था और पुलिस ने दीपू को सुरक्षा देने के बजाय छोड़ दिया। भारत में प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया।

यह घटना ऐसे समय हुई है जब देश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद व्यापक हिंसा और विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।

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