सिख विरोधी दंगों के दोषी को मेडिकल जांच के लिये अस्पताल ले जाने का निर्देश

                           



दोषी सहरावत ने की थी चिकित्सा आधार पर सजा 3 महीने निलंबित करने की


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में एक दोषी को चिकित्सा जांच के लिये 3 दिन के भीतर आईएलबीएस अस्पताल ले जाने के लिये कहा है। उसे लीवर और किडनी का ट्रांसप्लांट कराना है। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और विशेष जांच दल को भी दोषी नरेश सहरावत की याचिका पर 25 मई तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिये कहा है। सहरावत ने याचिका में चिकित्सा आधार पर अपनी सजा 3 महीने के लिये निलंबित करने की अपील की थी। अदालत ने दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सहरावत की याचिका पर यह निर्देश दिया है। अधिकारियों को भी 25 मई या उससे पहले स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिये। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 26 मई तक स्थगित कर दी।
क्या है मामला
गृह मंत्रालय ने दंगा मामलों की फिर से जांच के लिये एक विशेष जांच दल का गठन किया था। निचली अदालत ने 1984 के दंगों के दौरान नयी दिल्ली में दो लोगों की हत्या से संबंधित मामले में यशपाल सिंह को मृत्युदंड और नरेश सहरावत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। एसआईटी द्वारा फिर से जांच शुरू करने के बाद इन मामलों में यह पहली सजा थी। सहरावत ने भी अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जो कि अभी लंबित है। इसी तरह सिंह ने भी अपनी मौत की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जो कि अभी लंबित है।


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