जबलपुर। राज्य शासन ने प्रदेश में बिजली से जुड़ी स्थानीय समस्याओं का शीघ्र समाधान, राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी, और विद्युत सब्सिडी के अनुचित उपयोग पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जिला स्तरीय विद्युत अंतर्विभागीय समन्वय समिति का गठन किया है। यह समिति विद्युत दायित्वों में स्थानीय प्रशासन के सहयोग एवं समन्वय के तहत कार्य करेगी। इस समिति का अध्यक्ष पदेन जिला कलेक्टर को बनाया गया है, जबकि इसमें पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर निगम आयुक्त तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं। विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता या महाप्रबंधक को समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है।
इस समिति का कार्यक्षेत्र बिजली उपयोग की प्रवृत्ति में सुधार, प्रभावी राजस्व प्रबंधन, और ऐसे उपभोक्ताओं की पहचान करना है, जो जानबूझकर बकाया राशि का भुगतान करने में टालमटोल कर रहे हैं या जिन्होंने असंगत रूप से बिल राशि घटाई है। समिति उपभोक्ताओं का केवाईसी (KYC) सुनिश्चित करेगी, जिससे पात्र उपभोक्ताओं की सही पहचान की जा सके। काल्पनिक उपभोक्ताओं तथा एक ही व्यक्ति के नाम पर कई कनेक्शन लेने वालों को चिह्नित कर, उनके विरुद्ध उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, यह समिति विद्युत उपभोक्ताओं के बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर, मध्य प्रदेश गवर्नमेंट इलेक्ट्रिकल अंडरटेकिंग (ड्यूज रिकवरी) एक्ट 1961 के तहत बैंक खातों से बकाया राशि की वसूली करेगी।
इसके अतिरिक्त, समिति राजस्व प्रबंधन हेतु कार्य योजना तैयार करेगी और उसका निष्पादन सुनिश्चित करेगी। विद्युत चोरी को रोकने एवं बकाया राशि की वसूली के दौरान बिजली विभाग के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार की स्थिति में त्वरित कानूनी कार्रवाई हेतु सुरक्षा प्रदान करने की भी योजना बनाई जाएगी।
समिति का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य शासकीय विभागों द्वारा विद्युत कंपनियों के बकाया का भुगतान सुनिश्चित करना है। अवैध कॉलोनियों और अन्य रहवासी क्षेत्रों में बिजली चोरी की रोकथाम के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, अवैध कॉलोनियों में विद्युत अधोसंरचना के विकास हेतु ठोस कदम उठाए जाएंगे और जिला न्यायालयों में लंबित मामलों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने हेतु समिति सक्रिय रहेगी। विद्युत समस्याओं के निवारण के लिए नागरिकों को केंद्रीकृत कॉल सेंटर नंबर 1912 का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
ध्यान देने योग्य है कि इस समिति का उद्देश्य बिजली कंपनियों से सेवा की गुणवत्ता में सुधार की अपेक्षा भी है। जिला स्तरीय विद्युत अंतर्विभागीय समन्वय समिति हर माह नियमित बैठक करेगी, ताकि विद्युत वितरण कंपनियों के राजस्व में वृद्धि, उपभोक्ता संतुष्टि, और निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति में सहयोग मिल सके।
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