सरकारी संस्थाओं के निजीकरण को लेकर अखिलेश का बड़ा आरोप, बताया आरक्षण खत्म करने की साजिश


नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि सरकारी संस्थाओं का सुनियोजित निजीकरण दरअसल नौकरियों पर कुठाराघात है और आरक्षण समाप्त करने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।

सपा मुख्यालय से जारी बयान में अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही बहुसंख्यक सरकारी संस्थानों को पूंजीपतियों की झोली में डाल दिया, अब उत्तर प्रदेश सरकार भी उसी राह पर चलते हुए प्रदेश की मूल्यवान सार्वजनिक परिसंपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकारें आम जनता की बजाय चंद उद्योगपतियों की स्वार्थपूर्ति के लिए काम कर रही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की योजना का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि यह सार्वजनिक संपत्तियों को औने-पौने दामों पर पूंजीपतियों को सौंपने का षड्यंत्र है, जो जनहित और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।

अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार संविधान विरोधी मानसिकता से ग्रसित है और आरक्षण विरोधी नीतियों को लगातार बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुख्य लक्ष्य है कि पीडीए — यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय — को सरकारी नौकरियों और आरक्षण के संवैधानिक अधिकारों से पूरी तरह वंचित कर दिया जाए। इसके लिए हर दिन नई-नई साजिशें रची जा रही हैं।

सपा प्रमुख ने भाजपा की नीतियों को खुली पीडीए विरोधी मानसिकता का परिचायक बताते हुए कहा कि भाजपा की राजनीति पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज के अधिकारों को छीनने और उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से कमजोर करने की है। सरकारी संस्थानों के निजीकरण से सरकारी नौकरियों में तेजी से गिरावट आ रही है, जिससे आरक्षित वर्गों को मिलने वाला संवैधानिक लाभ स्वतः ही समाप्त हो रहा है।

अखिलेश ने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र अपनी मनमानी से काम करता है, जिसकी वजह से आवश्यक सेवाओं की लागत बढ़ जाती है और महंगाई आम जनता की कमर तोड़ने लगती है। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों का निजीकरण केवल आर्थिक लूट का जरिया नहीं है, बल्कि यह डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान में सुनिश्चित किए गए सामाजिक न्याय की मूल भावना पर भी सीधा हमला है।

अखिलेश यादव ने भाजपा की नीतियों को लूट, झूठ और बेईमानी का संगठित नमूना करार देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ऐसे किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करेगी, जिससे बहुजन समाज के संवैधानिक अधिकारों और हकों पर खतरा मंडराए। उन्होंने कहा कि सपा संघर्ष के हर मोर्चे पर जनता के साथ खड़ी है और भाजपा के षड्यंत्रों को कभी सफल नहीं होने देगी।

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