घटना का विवरण
शनिवार, 24 मई 2025 को दोपहर करीब 1:25 बजे, जहाज की मालिकाना कंपनी ने भारतीय अधिकारियों को सूचित किया कि एमएससी ईएलएसए 3 26 डिग्री तक झुक गया है और उसे तत्काल सहायता की आवश्यकता है। भारतीय तटरक्षक बल ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया और अपने जहाजों व विमानों को तैनात किया। रविवार सुबह जहाज पूरी तरह पलटकर डूब गया।
जानकारी के अनुसार, जहाज के एक कार्गो होल्ड में पानी भरने के कारण यह तेजी से डूबा। 21 चालक दल के सदस्यों को तटरक्षक बल ने बचाया, जबकि शेष तीन सदस्य, जो जहाज छोड़कर समुद्र में कूद गए थे, उन्हें भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सुजाता ने सुरक्षित निकाला।
पर्यावरणीय खतरे की आशंका
जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल के साथ-साथ मरीन गैस ऑयल (MGO) और अति निम्न सल्फर ईंधन तेल (VLSFO) मौजूद था। इसके अलावा, 13 कंटेनरों में रासायनिक रूप से संवेदनशील सामग्री और 12 में कैल्शियम कार्बाइड था, जो पानी के संपर्क में आने पर खतरनाक रासायनिक प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है।
केरल का तटीय क्षेत्र जैव विविधता का केंद्र और प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस संवेदनशील क्षेत्र में तेल या रासायनिक रिसाव से समुद्री जीवन और पर्यटन उद्योग को गंभीर नुकसान हो सकता है। भारतीय तटरक्षक बल ने प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों से लैस जहाज ‘सक्षम’ को तैनात किया है और उन्नत तकनीक से तेल रिसाव की निगरानी कर रहा है। फिलहाल, किसी तेल रिसाव की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
बचाव और राहत कार्य
बचाव अभियान में भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने समन्वय के साथ काम किया। जहाज के 24 चालक दल के सदस्यों में एक रूसी कप्तान, 20 फिलीपीनी, दो यूक्रेनी और एक जॉर्जियाई नागरिक शामिल थे। सभी को सुरक्षित बचा लिया गया है। जहाज की मालिकाना कंपनी का एक अन्य जहाज भी सहायता के लिए मौके पर पहुंचा है, और भारतीय नौसेना जहाज को खींचने की संभावनाओं पर विचार कर रही है ताकि और नुकसान को रोका जा सके।
केरल आपदा प्रबंधन की चेतावनी
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने तटीय निवासियों से अपील की है कि वे समुद्र तट पर बहकर आने वाले किसी भी कंटेनर या तेल की परत को न छुएं। KSDMA ने चेतावनी दी है कि तट के कुछ हिस्सों में तेल या रासायनिक पदार्थों की परतें दिखाई दे सकती हैं, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
जहाज का रूट और स्थिति
एमएससी ईएलएसए 3, जो 184 मीटर लंबा था, शुक्रवार को विझिगम बंदरगाह से कोच्चि के लिए रवाना हुआ था। शनिवार को यह केरल तट से 38 समुद्री मील दूर था, जब यह झुकने लगा और इसके कुछ कंटेनर समुद्र में गिर गए।
पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम
तटरक्षक बल ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक उपाय शुरू किए हैं। तेल रिसाव की पहचान के लिए विमानों से निगरानी की जा रही है, और राज्य प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तेल या रासायनिक रिसाव होता है, तो यह केरल के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और मछली पकड़ने के उद्योग को प्रभावित कर सकता है।
मुख्य बिंदु:
घटना: लाइबेरियाई जहाज एमएससी ईएलएसए 3 केरल तट पर डूबा।
बचाव: सभी 24 चालक दल के सदस्य सुरक्षित, 21 को तटरक्षक बल और 3 को नौसेना ने बचाया।
खतरा: 13 कंटेनरों में खतरनाक रासायनिक सामग्री, 12 में कैल्शियम कार्बाइड, और 84.44 मीट्रिक टन डीजल व 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल।
पर्यावरणीय चिंता: तेल और रासायनिक रिसाव से केरल के जैव विविधता और पर्यटन को खतरा।
प्रशासन की कार्रवाई: तटरक्षक बल और KSDMA सक्रिय, तेल रिसाव की निगरानी जारी।
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