जनगणना में होगी जातियों की गणना, कैबिनेट का फैसला
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनावों की आहट के बीच, केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़ों को शामिल करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति ने यह निर्णय लिया, जिसे बिहार की राजनीतिक भूमि पर एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
रेल, सूचना प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 246 के तहत केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कई राज्यों ने अपने स्तर पर जातिगत सर्वेक्षण किए हैं, जिनमें कुछ पारदर्शिता की कमी के कारण सामाजिक भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सामाजिक संरचना राजनीतिक दबाव में न आए, जातियों की गणना को मूल जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।
जातिगत गणना करना ऐतिहासिक निर्णय: डॉ. मोहन यादव
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने के निर्णय का अभिनंदन किया है। डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी और कैबिनेट के सदस्यों का प्रदेशवासियों की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अंत्योदय के लिए संकल्पित केन्द्र सरकार का यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि दशकों तक कई दलों ने जातिगत जनगणना का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े नहीं होंगे, बल्कि देश के गरीब, पिछड़े, कमजोर और वंचित नागरिकों के जीवन में बदलाव के संवाहक बनेंगे।
जाति जनगणना करायेंगे, मगर तारीख नहीं बतायेंगे : राहुल
जाति जनगणना करायेंगे, मगर तारीख नहीं बतायेंगे की तर्ज पर लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जाति जनगणना कराने के सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए आज कहा कि जाति गणना कांग्रेस का विजन है और इस पर पहला कदम उठाकर सरकार को अब यह भी बताना चाहिए कि इस दिशा में अगला कदम वह कब उठाएगी।
श्री गांधी ने बुधवार शाम को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार के फैसले का यह पहला कदम है और उनकी पार्टी इसका पूरी तरह से समर्थन करती है लेकिन इसको लेकर सरकार को बजट का आवंटन कर इसको लेकर तारीख की घोषणा भी करनी चाहिए।
आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग दोहराते हुए उन्होंने कहा,“हमने संसद में कहा था-हम ‘जातिगत जनगणना’ करवा के ही मानेंगे, साथ ही आरक्षण में 50 प्रतिशत सीमा की दीवार को भी तोड़ देंगे। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते थे कि सिर्फ चार जातियां हैं लेकिन अब अचानक से उन्होंने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा कर दी। हम सरकार के इस फैसले का पूरा समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार को इसकी टाइमलाइन बतानी होगी कि जातिगत जनगणना का काम कब तक पूरा होगा।”
‘यह समाजवादियों की जीत है’, बोले तेजस्वी यादव
बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसले पर कहा, “यह हमारी 30 साल पुरानी मांग थी। यह हमारी, समाजवादियों और लालू यादव की जीत है। इससे पहले बिहार के सभी दलों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी लेकिन उन्होंने हमारी मांग को अस्वीकार कर दिया। कई मंत्रियों ने इससे इनकार किया लेकिन यह हमारी ताकत है कि उन्हें हमारे एजेंडे पर काम करना है।”
जातिगत जनगणना का मतलब क्या है?
जातिगत जनगणना का सीधा मतलब होता है कि देश में किसी जाति के कितने लोग हैं, इसके स्पष्ट आंकड़े सामने रखे जाएं। अब देश में जातिगत जनगणना पहले भी हुई है, लेकिन तब ओबीसी को उसमें शामिल नहीं किया जाता था। ऐसे में बात जब भी जातिगत जनगणना की होती है, सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की रहती है कि देश में ओबीसी वर्ग अब कितना ज्यादा बड़ा बन चुक है, आखिर इस समाज के कितने लोग देश में रह रहे हैं? इस बार भी जो जातिगत जनगणना करवाई जाएगी, सभी की नजर सिर्फ इस बात पर रहेगी कि ओबीसी कितने प्रतिशत हैं।
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