जबलपुर, 22 मई 2025: शहर के शिव नगर जैन मंदिर में विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और पत्रकारिता संगठनों ने वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रदीप कौशल "पुन्नु" के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों ने उनकी पत्रकारिता के क्षेत्र में दीर्घकालिक और उल्लेखनीय सेवाओं को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रदीप कौशल "पुन्नु" |
प्रदीप कौशल, जिन्हें प्यार से "पुन्नु भाई" कहा जाता था, ने अपने पत्रकारीय जीवन में निष्पक्षता, साहस और समर्पण के साथ समाज के विभिन्न मुद्दों को उजागर किया। उन्होंने देशबंधु, हरिभूमि, सिटी केबल, स्वतंत्र मत, और डीपली न्यूज जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में संपादकीय दायित्वों का निर्वहन किया। उनकी लेखनी में सामाजिक सरोकारों और जनहित के प्रति गहरी प्रतिबद्धता झलकती थी, जिसने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक सम्मानित स्थान दिलाया।
शोकसभा में उपस्थित वक्ताओं ने प्रदीप कौशल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रहलाद साहू ने कहा, "पुन्नु भाई ने अपनी निर्भीक पत्रकारिता से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया। उनकी कमी को कभी भुलाया नहीं जा सकता।" इसी तरह, पत्रकार दिनेश प्रीत ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि प्रदीप कौशल न केवल एक कुशल पत्रकार थे, बल्कि एक सहृदय इंसान भी थे, जो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे।
कार्यक्रम में ज्ञानी रजक, विनय कनौजिया, संजीव श्रीवास्तव और सादिक खान ने भी प्रदीप कौशल के योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि पुन्नु भाई ने अपनी लेखनी के माध्यम से न केवल स्थानीय समस्याओं को उठाया, बल्कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर भी गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. नीलेश जैन ने उनके सामाजिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रदीप कौशल ने पत्रकारिता को समाज सेवा का माध्यम बनाया।
शिव नगर जैन मंदिर सभा, मढियाजी जैन सभा, लॉर्डगंज जैन मंदिर और त्रिमूर्ति जैन मंदिर के पदाधिकारियों ने भी प्रदीप कौशल के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। अमित पड़रिया ने उनके साथ अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि पुन्नु भाई का हंसमुख स्वभाव और सकारात्मक दृष्टिकोण सभी के लिए प्रेरणादायक था।
शोकसभा में उपस्थित लोगों ने प्रदीप कौशल के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उनके द्वारा स्थापित पत्रकारीय मूल्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सभी ने दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
प्रदीप कौशल "पुन्नु" का निधन न केवल पत्रकारिता जगत के लिए, बल्कि पूरे जबलपुर शहर के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी स्मृति को जीवित रखने के लिए पत्रकारिता और सामाजिक संगठनों ने उनके आदर्शों को अपनाने और उनके द्वारा शुरू किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
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