मोदी का पाकिस्तान को दो टूक जवाब: अब न ट्रेड, न टॉक, सिर्फ पीओके की बात

बीकानेर, 22 मई 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, "अब पाकिस्तान के साथ न ट्रेड होगा, न टॉक। अगर बात होगी, तो सिर्फ पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के बारे में होगी।" यह बयान ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी पहली जनसभा में आया, जिसे उन्होंने भारत का "रुद्र रूप" और "नया स्वरूप" बताया।


मोदी ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। "जो हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया गया। जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे, उनका कतरे-कतरे का हिसाब चुकाया गया।" उन्होंने 22 मई के आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने 22 मिनट में आतंकवाद के नौ प्रमुख ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा।

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगा। "हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी होगी। यह कीमत उसकी सेना और अर्थव्यवस्था चुकाएगी।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत का पानी पाकिस्तान को नहीं मिलेगा और आतंकवाद के आकाओं व सरपरस्त सरकारों को एक ही माना जाएगा।

मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की ताकत का प्रतीक बताया, जिसने दुनिया को दिखाया कि "जब सिंदूर बारूद बन जाता है, तो नतीजा क्या होता है।" उन्होंने कहा कि यह नया भारत है, जो आतंकवाद के खिलाफ न केवल जवाब देता है, बल्कि अपनी शर्तों पर कार्रवाई करता है।

इसके साथ ही, मोदी ने बीकानेर में 26,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें रेलवे, सड़क, बिजली, और सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि "विकसित भारत के लिए सुरक्षा और समृद्धि दोनों जरूरी हैं।" अमृत भारत स्टेशनों के तहत 100 से अधिक रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन भी किया गया, जो स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देंगे।

मोदी ने राजस्थान में चल रहे विकास कार्यों की सराहना की, जिसमें वंदे भारत ट्रेनें, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, और 6-लेन अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में रिफाइनरी का काम अंतिम चरण में है, जो इसे पेट्रोलियम उद्योग का हब बनाएगा।

इस जनसभा में मोदी ने करणी माता का आशीर्वाद लेने की बात कही और देशवासियों से तिरंगा यात्राओं में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "यह शोध या प्रतिशोध का खेल नहीं, यह न्याय का नया स्वरूप है।"

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