भोपाल। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद विजय शाह ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है, लेकिन मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा।
सियासी घमासान तेज
विजय शाह के माफी मांगने के बावजूद राजनीतिक बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल लगातार हमलावर हैं। प्रदेशभर में मंत्री के पुतले जलाए जा रहे हैं और उनके इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है। भाजपा ने भी मामले पर सख्त नाराजगी जताई है। पार्टी आलाकमान ने विजय शाह को तत्काल भोपाल स्थित प्रदेश मुख्यालय तलब किया है।
कांग्रेस का तीखा हमला
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, “हमने मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में सशस्त्र बलों की वीरता को सलाम किया और कहा कि देश इस कठिन समय में सेना के साथ खड़ा है। इसके उलट, मध्य प्रदेश के एक मंत्री द्वारा सेना के अधिकारियों और हमारी बहनों का अपमान किया जा रहा है। भाजपा इस मुद्दे पर चुप क्यों है?”
क्या है पूरा मामला?
मानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के संदर्भ में विवादित टिप्पणी की थी। पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने हलमा कार्यक्रम में कहा, “जिन आतंकियों ने पहलगाम में लोगों को मारा, उनके कपड़े उतरवाए, उन आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा। पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई।” इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं और विपक्ष ने इसे सेना और महिलाओं का अपमान करार दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट के निर्देश पर अब विजय शाह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस मुद्दे पर चर्चा तेज है।
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