सीमा पार से जवाबी बर्बरता में तीन नागरिकों की मौत; विपक्ष का सशस्त्र बलों को नमन
श्रीनगर। पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और सुनियोजित हमले कर 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की। इस कड़ी कार्रवाई के कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलाबारी की गई, जिसमें तीन आम नागरिकों की जान चली गई।
भारतीय सेना के मुताबिक़, पाकिस्तान की इस अंधाधुंध गोलाबारी का कड़ा और सधा हुआ जवाब दिया गया है। सेना का कहना है कि वह हर मोर्चे पर सजग है और देश की संप्रभुता के विरुद्ध किसी भी दुस्साहस को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आतंक के गढ़ पर लक्षित प्रहार
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत कुल नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया। ये सभी केंद्र आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने और भारत के विरुद्ध हमलों की रणनीति बनाने में प्रयुक्त हो रहे थे।
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि भारतीय कार्रवाई पूरी तरह रणनीतिक, सीमित और टालमटोल से परे थी। यह केवल आतंक के इन्फ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त करने के उद्देश्य से की गई थी, किसी भी पाकिस्तानी सैन्य संस्थान को निशाना नहीं बनाया गया। भारत की ओर से संयम, परिपक्वता और निर्णायकता का परिचय दिया गया है।
25 भारतीयों की शहादत के जवाब में न्याय की शुरुआत
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि में वह वीभत्स आतंकी हमला है, जिसमें पहलगाम में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली यात्री की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें न्याय के कटघरे तक पहुंचाना राष्ट्र की प्राथमिकता है।
‘सेना के शौर्य को शत-शत नमन’: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस सैन्य कार्रवाई पर विपक्ष की ओर से पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “भारत की नीति आतंकवाद के खिलाफ कठोर और अडिग रही है, चाहे वह पाकिस्तान से हो या पीओके से। हमारे वीर सिपाहियों ने जो साहसिक अभियान चलाया है, वह प्रशंसनीय है। राष्ट्र उनके त्याग और अद्वितीय संकल्प को नमन करता है।”
राष्ट्र की चेतावनी स्पष्ट: आतंक की जमीन अब सुरक्षित नहीं
इस समूचे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब उसी भाषा में देगा। भारत की सैन्य रणनीति अब रक्षात्मक से अधिक प्रत्युत्तरात्मक हो गई है, जहां किसी भी नापाक हरकत का उत्तर सीमित नहीं, निर्णायक होगा।
إرسال تعليق