जबलपुर। रेल गाड़ियों की संरचना में प्रयुक्त स्प्रिंगों को झटकों से बचाव हेतु लगाया जाता है, परंतु समय के साथ इन स्प्रिंगों में नमी के कारण जंग लग जाती है। जंग लगने से स्प्रिंगों की मजबूती पर असर पड़ता है, जिससे इनमें दरारें आ सकती हैं और गाड़ियों की गति पर प्रतिबंध लगाना पड़ता है। इससे न केवल परिचालन में बाधा आती है बल्कि यात्रा भी विलंबित हो जाती है।
इसी समस्या से निपटने के लिए कोचिंग डिपो जबलपुर में एक आधुनिक स्प्रिंग पेंटिंग बूथ की स्थापना की गई है। इस बूथ में स्प्रिंगों को विशेष रूप से अंदर रखकर पेंट किया जाता है, ताकि पेंट (या वार्निश) के सूक्ष्म कण वातावरण में न फैलें। यह प्रक्रिया पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अत्यंत प्रभावी उपाय है, क्योंकि इससे वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है।
इस पहल की जानकारी देते हुए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक डॉ. मधुर वर्मा ने बताया कि पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर मंडल के यांत्रिक विभाग द्वारा किए गए इस नवाचार का मुख्य उद्देश्य अनुरक्षण कार्यों के दौरान पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालना है। यह प्रयास यात्रियों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
उक्त कार्य को प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर श्री एम. विजय कुमार तथा मंडल रेल प्रबंधक श्री कमल कुमार तलरेजा के कुशल मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है। इस तकनीकी नवाचार से जहां एक ओर स्प्रिंगों की आयु बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर रेलवे संचालन भी अधिक कुशल एवं पर्यावरण अनुकूल बनेगा।
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