जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में किसान अब पारंपरिक फसलों को छोड़कर हाई वेल्यू क्रॉप और औषधीय फसलों की खेती की ओर तेजी से अग्रसर हो रहे हैं। गेहूं, चना, धान और अरहर जैसी फसलों के बजाय फसल विविधीकरण अपनाकर किसान बेहतर उत्पादन और आकर्षक आय प्राप्त कर रहे हैं। शहपुरा विकासखंड के ग्राम नटवारा के शेख रुस्तम, सुनाचर के यशपाल लोधी और बेलखेड़ा के विनय बादल जैसे किसान इस बदलाव के प्रमुख उदाहरण हैं। हाल ही में जिले के कृषि अधिकारियों ने इन किसानों के खेतों का दौरा कर हाई वेल्यू क्रॉप की खेती का जायजा लिया। दौरा करने वालों में उप संचालक कृषि डॉ. एस के निगम, अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी, कृषि विस्तार अधिकारी सुषमा कुलेश और गौतम यादव शामिल थे।
शेख रुस्तम का फसल विविधीकरण
उप संचालक डॉ. निगम ने बताया कि नटवारा के किसान शेख रुस्तम ने फसल विविधीकरण का अनूठा मॉडल पेश किया है। उन्होंने अपने खेतों में स्वीट कॉर्न, मूंग और उड़द की फसल के साथ-साथ अंतरवर्तीय फसल के रूप में लौकी और धनिया की खेती की है। इस दृष्टिकोण से वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
यशपाल लोधी की बैंगन खेती
सुनाचर के किसान यशपाल लोधी ने भी हाई वेल्यू क्रॉप को अपनाया है। उन्होंने पिछले साल जून में 9 एकड़ क्षेत्र में बैंगन की ग्राफ्टेड किस्म बीएनआर-212 का पौधारोपण किया था। प्रत्येक पौधे से 20 किलोग्राम बैंगन का उत्पादन प्राप्त हुआ। वर्तमान में यशपाल ने बैंगन के पौधों की छटाई की है, जिसके बाद पौधों में दोबारा बड़ी संख्या में फूल आने शुरू हो गए हैं, जो अगले उत्पादन के लिए शुभ संकेत है।
विनय बादल की सब्जी और फल खेती
बेलखेड़ा के किसान विनय बादल ने पिछले साल से सब्जी और फल की खेती शुरू की है। उन्होंने ढाई एकड़ में शिमला मिर्च, पांच-पांच एकड़ में टमाटर और हरी मिर्च, तथा तीन-तीन एकड़ में तरबूज और खरबूज की फसल लगाई है। विनय ने कृषि अधिकारियों को बताया कि सब्जी खेती में शुरुआती लागत ड्रिप, तार और बांस जैसी सामग्री के लिए अधिक होती है, लेकिन मिर्च और खरबूज के बाजार में अच्छे दाम मिलने से लाभ होता है। उन्होंने अगले साल शिमला मिर्च और हरी मिर्च का क्षेत्र बढ़ाने की योजना बनाई है। विनय ने अन्य किसानों को सलाह दी कि वे सीमित क्षेत्र में मिर्च की खेती से हाई वेल्यू क्रॉप की शुरुआत करें।
कृषि अधिकारियों की भूमिका
डॉ. निगम ने कहा कि जिले में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग लगातार प्रयासरत है। हाई वेल्यू क्रॉप और औषधीय फसलों की खेती से न केवल किसानों की आय बढ़ रही है, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में नए अवसर भी पैदा कर रहा है। विभाग द्वारा किसानों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है।
जबलपुर के किसानों का यह रुझान न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि मध्यप्रदेश के कृषि परिदृश्य को भी बदल रहा है।
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