दिल्ली HC का सख्त रुख: सैनिकों को गंदे नाले से गुजरने की मजबूरी पर लिया संज्ञान, पुल निर्माण का आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक गंभीर मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली छावनी क्षेत्र में राजपूताना राइफल्स के 3,000 से अधिक सैनिकों को बैरकों से परेड ग्राउंड तक पहुंचने के लिए बदबूदार और गंदे नाले से गुजरने की मजबूरी को "अस्वीकार्य स्थिति" करार दिया। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस नाले पर तत्काल पुल निर्माण का आदेश दिया है।


29 मई को होगी अगली सुनवाई
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने दिल्ली छावनी बोर्ड को नोटिस जारी कर 29 मई तक स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई, 2025 को निर्धारित की है। पीठ ने 26 मई, 2025 की एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया।

सैनिकों की परेशानी पर कोर्ट की चिंता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजपूताना राइफल्स के सैनिकों को अपने बैरकों से परेड ग्राउंड तक पहुंचने के लिए एक गंदे और बदबूदार नाले से होकर गुजरना पड़ता है। कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि सैनिकों को दिन में चार बार इस नाले से गुजरना पड़ता है, जो पानी और कीचड़ से भरा है और कहीं-कहीं इसकी गहराई कमर तक है। हाईकोर्ट ने इसे सैनिकों के सम्मान और उनकी गरिमा के खिलाफ बताते हुए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।

"सैनिकों का सम्मान सर्वोपरि"
न्यायिक पीठ ने कहा, “हमारे सैनिक देश की रक्षा के लिए दिन-रात तत्पर रहते हैं। उन्हें इस तरह की अमानवीय स्थिति से गुजरने के लिए मजबूर करना अस्वीकार्य है। इस नाले पर तुरंत पुल का निर्माण किया जाए ताकि सैनिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक आवागमन की सुविधा मिले।”

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