नई दिल्ली। ओडिशा के बलांगीर जिले में भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग कर रहे एक टीवी पत्रकार की बर्बर पिटाई के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (DGP) से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
📍 क्या है मामला?
25 मई को बलांगीर जिले के कुलथीपाली गांव में एक निर्माण स्थल पर भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार पर कुछ लोगों ने अचानक हमला कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पत्रकार के हाथ-पैर बांधकर उसे पूरे गांव में घुमाया गया, फिर एक खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा गया। इस बर्बरता की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं।
⚖️ NHRC का सख्त रुख: "मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला"
एनएचआरसी ने इस घटना को मीडिया की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताया है। आयोग का कहना है कि
"अगर पत्रकारों को इस तरह डराया और पीटा जाएगा, तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कमजोर होगा। राज्य सरकार को इस पर त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।"
📰 मीडिया रिपोर्ट बनी कार्रवाई की आधारशिला
एनएचआरसी ने यह कदम एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर उठाया, जिसमें घटना की तस्वीरें, वीडियो और चश्मदीदों के बयान सामने आए। आयोग ने साफ कहा है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि जनहित में रिपोर्टिंग करने की आज़ादी पर हमला है।
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