अंकिता हत्याकांड में इंसाफ: पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

कोटद्वार। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज न्याय की जीत हुई। कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना) और 354 (महिला से अभद्र व्यवहार) के तहत दोषी करार दिया।


🔴 पुलकित आर्य: पूर्व भाजपा नेता का बेटा और वनंत्रा रिसॉर्ट का मालिक

गौरतलब है कि पुलकित आर्य भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है और ऋषिकेश स्थित वनंतरा रिसॉर्ट का मालिक था, जहां अंकिता भंडारी एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थी। कोर्ट ने पुलकित के साथ-साथ रिसॉर्ट के प्रबंधक सौरभ भाष्कर और कर्मचारी अंकित गुप्ता को भी साक्ष्य मिटाने और हत्या में संलिप्तता के लिए दोषी पाया और तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

📅 2022 की वह काली रात, जिसने उत्तराखंड को झकझोर दिया था

18 सितंबर, 2022 को अंकिता अचानक लापता हो गई थी। कई दिन की खोजबीन के बाद 24 सितंबर को उसका शव चीला बैराज से बरामद हुआ था। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि अंकिता पर रिसॉर्ट में अवैध गतिविधियों के लिए दबाव डाला जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया। विरोध के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई और शव को बैराज में फेंक दिया गया।

🧑‍⚖️ अदालत का सख्त रुख: "महिलाओं की गरिमा से खिलवाड़ नहीं चलेगा"

कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में अब समाज और कानून दोनों की जिम्मेदारी है कि वे दोषियों को कड़ी सजा दें। यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा के प्रति एक मजबूत संदेश है।

🛑 कोर्ट के बाहर भारी भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था, नारों से गूंजा परिसर

फैसले के दिन कोर्ट परिसर में भारी भीड़ जुटी थी। लोगों ने "अंकिता को इंसाफ दो", "पुलकित को फांसी दो" जैसे नारे लगाए। सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस ने अदालत के बाहर बेरिकेडिंग की थी, जिसे गुस्साई भीड़ ने तोड़ दिया। हालांकि पुलिस ने स्थिति को काबू में ले लिया और किसी अप्रिय घटना को टाल दिया।

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