मोदी सरकार के 11 वर्षों में बदलाव की गूंज : संवेदनशील नेतृत्व में युगांतकारी राष्ट्र-निर्माण

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने अपने 11 वर्षों के सशक्त और संकल्पबद्ध शासनकाल में देश को केवल विकास के पथ पर नहीं दौड़ाया, बल्कि शासन की परिभाषा को भी आमूलचूल बदल दिया। “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र को जीवंत बनाते हुए सरकार ने आर्थिक नवोत्थान से लेकर सामाजिक समरसता तक, राष्ट्र को जनभागीदारी के आदर्श पर टिके सर्वांगीण विकास की नई तस्वीर दी है।


प्रधानमंत्री मोदी ने 11 वर्षों के कार्यकाल की पूर्णता पर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने संदेशों की श्रृंखला में कहा कि सरकार ने न केवल गति के साथ, बल्कि संवेदनशीलता के साथ ऐसे निर्णय लिए, जिन्होंने राष्ट्र के भविष्य की नींव को और अधिक सुदृढ़ किया। आज भारत विश्व के मंच पर जलवायु परिवर्तन, डिजिटल नवाचार और वैश्विक कूटनीति में निर्णायक स्वर में बात करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा देश अब न केवल सबसे तेज़ी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, बल्कि यह ‘Ease of Living’ के वास्तविक मायनों में आमजन तक पहुंचाने में सक्षम हुआ है।”

राजनाथ सिंह ने किया आत्मनिर्भरता का उल्लेख

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस 11 वर्षीय कालखंड को "अभूतपूर्व उथान और निर्णायक युग परिवर्तन" की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के मुकाम तक पहुंचाया, जहां अब देश अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम, सजग और अडिग है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब न केवल विकास कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी वैचारिक और आर्थिक उपस्थिति मजबूती से दर्ज करवा रहा है।"

उन्होंने स्वच्छ भारत, उज्ज्वला योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को सामाजिक क्रांति की शुरुआत बताया—जो गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों को गरिमा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण प्रदान कर रही हैं।

गृह मंत्री शाह ने बताया ‘सुशासन का स्वर्ण युग’

गृह मंत्री अमित शाह ने इस कालखंड को “जनसेवा के साधना-समर्पण का स्वर्णिम युग” बताया। उन्होंने कहा कि इन 11 वर्षों में देश ने आर्थिक पुनरुत्थान, सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक आत्मगौरव और राष्ट्रीय सुरक्षा की चारों दिशाओं में अभूतपूर्व परिवर्तन देखा है। शाह ने कहा, “जब नेतृत्व स्पष्ट हो, नीयत पवित्र और संकल्प लोकसेवा का हो, तो सुशासन केवल नारा नहीं, जीवंत अनुभव बन जाता है।”

उन्होंने ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ की अवधारणा को यथार्थ में परिणत करने का दावा किया, जहां सत्ता का केंद्र गरीब, किसान, महिला, युवा और पिछड़ा वर्ग रहा है।

जेपी नड्डा ने बताया 'राजनीति की संस्कृति में बदलाव'

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही को राजनीति का केंद्र बनाया है। उन्होंने कहा, “2014 से पहले की सरकारों में जहां भ्रष्टाचार और विभाजनकारी राजनीति का बोलबाला था, वहीं मोदी युग में शासन का मतलब सेवा, सुधार और समर्पण बन गया है।” अनुच्छेद 370 को हटाने को उन्होंने एक ऐतिहासिक साहसिक कदम बताया, जिससे कश्मीर की राजनीतिक चेतना में आश्चर्यजनक जनसहभागिता दिखी।

नड्डा ने कहा कि यह शासन अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और महिलाओं को निर्णय-निर्माण की मुख्यधारा में लाने वाला रहा है। उन्होंने इस परिवर्तन को ‘विकसित भारत’ की आधारशिला करार दिया।

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