15 साल पुराने निजी वाहनों पर टैक्स का बोझ: कांग्रेस ने बताया आम जनता पर अन्याय, आंदोलन की दी चेतावनी

जबलपुर। मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा लागू किए गए नए नियमों के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस नियम के तहत यदि किसी के पास 15 साल पुराना दोपहिया या चारपहिया निजी वाहन है, तो अब उसे सड़कों पर चलाने के लिए हर 5 वर्षों में ₹15,000 से ₹20,000 रुपये तक टैक्स देना होगा। कांग्रेस ने इस नीति को आम जनता के हितों के खिलाफ बताया है और सरकार से तत्काल इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।

कांग्रेस नेता टीकाराम कोष्टा

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष (ओबीसी विभाग) टीकाराम कोष्टा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह नियम आम नागरिकों पर एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ है, जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय निजी वाहनों की तुलना व्यावसायिक वाहनों से करके लिया गया है, जो कि पूरी तरह से अनुचित है।

कोष्टा का कहना है कि "व्यावसायिक वाहन रोजाना चलाए जाते हैं, जबकि निजी वाहन जरूरत के अनुसार ही उपयोग किए जाते हैं। सरकार को वाहन की उम्र के साथ-साथ उसके द्वारा तय किए गए किलोमीटर की सीमा को भी ध्यान में रखना चाहिए था। निजी वाहन मालिक अपने वाहनों का रख-रखाव बहुत सावधानी से करते हैं। उन्हें केवल कागजी उम्र के आधार पर सड़क से हटाना अन्यायपूर्ण है।"

इस मुद्दे पर कांग्रेस के अन्य नेताओं अलीम मंसूरी, संजय शर्मा, मुन्ना ठाकुर, विजय अग्रवाल, पीपी पटेल, राजू तोमर, डॉ. मोइन अंसारी, मामूर गुड्डू, अशोक चौधरी, रविंद्र कुशवाहा, लखन श्रीवास्तव, धर्मेंद्र कुशवाहा और लखन चौधरी ने भी सरकार के फैसले को जनता के खिलाफ बताया। इन नेताओं ने संयुक्त रूप से मांग की है कि परिवहन विभाग इस नीति को मानवीय आधार पर पुनः विचार करे, अन्यथा कांग्रेस सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की एक छोटी सी बैठक में बिना व्यापक जनसुनवाई के आम जनता को वाहन उपयोग से वंचित कर देना लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब देशभर में इलेक्ट्रिक वाहन अभी तक पूरी तरह से आमजन की पहुंच में नहीं हैं, तब पुराने वाहनों पर इस तरह का टैक्स लगाना जनविरोधी निर्णय है।

कांग्रेस ने इस फैसले को 'जनविरोधी और अव्यावहारिक' बताते हुए चेताया है कि यदि सरकार ने जल्द ही यह नियम वापस नहीं लिया तो राज्यभर में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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