महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन में जबलपुर, भोपाल एवं कोटा मंडलों में किए जा रहे योजनाबद्ध प्रयासों से यह प्रगति संभव हो सकी है।
🔢 विभिन्न स्रोतों से प्राप्त राजस्व का ब्योरा:
राजस्व स्रोत | राशि (रु. करोड़ में) |
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यात्री यातायात | 416.07 |
माल यातायात | 1022.92 |
अन्य कोचिंग मद | 31.73 |
विविध आय (संड्री) | 49.98 |
कुल ऑरिजिनेटिंग रेवेन्यू | 1520.70 |
🚆 यात्री सुविधाओं में वृद्धि के लिए किए गए प्रयास:
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रेल यात्रा को अधिक सुरक्षित और आरामदायक बनाया गया।
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स्पेशल ट्रेनों का संचालन और उनकी अवधि में विस्तार किया गया।
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प्रतीक्षा सूची कम करने के लिए अतिरिक्त कोच जोड़े गए।
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प्रायोगिक ठहरावों की अवधि बढ़ाई गई।
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अधोसंरचना सुधार के माध्यम से ट्रेनों की गति और समयपालन में सुधार किया गया।
🚛 माल ढुलाई में वृद्धि के लिए प्रमुख कदम:
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मालगाड़ियों की औसत गति बढ़ाकर रूट क्षमता में वृद्धि।
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24x7 लोडिंग-अनलोडिंग सुविधा के साथ माल गोदामों में सुधार।
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गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल्स और नई साइडिंग्स के विस्तार पर बल।
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दोहरीकरण, तिहरीकरण एवं नई रेल लाइनों पर तेजी से कार्य।
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ऑपरेशनल सुधार के माध्यम से डिटेंशन घटाने के प्रयास।
💼 गैर-किराया (Non-Fare) राजस्व बढ़ाने के उपाय:
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कैटरिंग, पार्किंग, वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट, जनऔषधि केंद्र के अनुबंधों में विस्तार।
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विज्ञापन, मल्टी पर्पस स्टॉल, ट्रेनों में विनाइल रैपिंग से आय में बढ़ोत्तरी।
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नई ‘निनफ्रीस नीति’ के तहत नवाचारों को बढ़ावा।
📈 निरंतर प्रगति की राह पर पश्चिम मध्य रेलवे
पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडल – जबलपुर, भोपाल और कोटा – ने साझा रूप से ऑरिजिनेटिंग रेवेन्यू में यह ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। यह न सिर्फ पमरे की व्यावसायिक सूझबूझ का उदाहरण है, बल्कि भारतीय रेलवे के आत्मनिर्भरता लक्ष्य की दिशा में भी एक ठोस कदम है।
रेलवे प्रबंधन का कहना है कि इसी प्रकार यात्री सुविधाओं, माल सेवाओं और नवाचार आधारित आय स्रोतों को बढ़ावा देकर राजस्व को नए रिकॉर्ड तक ले जाने का लक्ष्य है।
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