मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बारिआम गांव में खरीदे आम, बच्चों को दुलारा और पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया

भोपाल/नर्मदापुरम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का एक सहज, मानवीय और आत्मीय रूप रविवार को सामने आया जब उन्होंने अपने पचमढ़ी प्रवास से लौटते समय नर्मदापुरम जिले के बारिआम गांव में सड़क किनारे आम बेच रहीं आदिवासी महिलाओं और बच्चों से संवाद किया, उनसे आम खरीदे और बच्चों को स्नेहपूर्वक आम खिलाकर पढ़ाई की प्रेरणा दी।



📍 रास्ते में रोका काफिला, महिलाओं से किया आत्मीय संवाद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उनकी पत्नी श्रीमती सीमा यादव जब पचमढ़ी से लौट रहे थे, तब उन्होंने बारिआम गांव के पास सड़क किनारे टोकरी में आम बेचती महिलाओं को देखकर अपना काफिला रुकवा दिया
मुख्यमंत्री ने न सिर्फ आम खरीदे बल्कि वहां बैठी महिलाओं से पूछा,
रोज कितने के आम बेच लेती हो?

महिला विक्रेता श्रीमती बसंती टेकाम ने मुस्कराते हुए जवाब दिया –
“सर, सुबह से शाम तक बैठते हैं तो 400-500 रुपये के आम बिक जाते हैं।


👧 बिटिया से पूछा स्कूल जाती हो? मिला गर्व भरा जवाब

मुख्यमंत्री ने बसंती की बेटी की ओर इशारा कर पूछा,
“क्या ये बिटिया स्कूल जाती है?”
महिला ने गर्व से बताया –
हां सर, सीएम राइज स्कूल में पढ़ती है।

मुख्यमंत्री मुस्कराए और बोले,
“अब उसका नाम सांदीपनि विद्यालय हो गया है। बहुत अच्छा!”


🥭 बच्चों को खिलाए आम, प्यार से पूछा नाम और स्कूल की बात

मुख्यमंत्री दंपत्ति ने महिलाओं से खरीदे आम वही पास खड़े नन्हे बच्चों – उमेश, साक्षी और रिया – को प्रेमपूर्वक बांट दिए।
उन्होंने बच्चों से उनके नाम पूछे और स्कूल जाते हो? जैसे सवाल कर उनका मनोबल बढ़ाया।
बच्चों ने उत्साह से कहा –
जी सर, स्कूल जाते हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों से रोज स्कूल जाने और मन लगाकर पढ़ाई करने की मनुहार की।


❤️ जन संवाद और संवेदनशीलता की मिसाल बने मुख्यमंत्री डॉ. यादव

डॉ. मोहन यादव का यह सहज व्यवहार एक बार फिर साबित करता है कि वे केवल प्रशासनिक प्रमुख ही नहीं, बल्कि जनता के बीच का नेता हैं। महिलाओं और बच्चों से संवाद, उनसे खरीदी का स्वाभाविक और मानवीय अंदाज प्रदेश के लिए एक सकारात्मक संदेश है।

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