जबलपुर। भारतीय रेलवे के जबलपुर रेल मंडल में राजभाषा नीतियों के क्रियान्वयन को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 190वीं बैठक का आयोजन मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के सभागार में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता मंडल रेल प्रबंधक श्री कमल कुमार तलरेजा ने की।
हिंदी के प्रयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी
बैठक में अपर मंडल रेल प्रबंधक एवं अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री सुनील टेलर ने सभी प्रतिनिधियों और सदस्यों का स्वागत करते हुए बताया कि जबलपुर मंडल में भारत सरकार की राजभाषा नीति का प्रभावी अनुपालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय व मुख्यालय स्तर के निर्देशों का पालन करते हुए, मंडल पर हिंदी के प्रयोग को संस्थागत रूप दिया जा रहा है।
प्रमुख निर्देश और सुझाव
बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि –
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सभी सूचना पट्ट, नाम-पदनाम बोर्ड द्विभाषी (हिंदी-अंग्रेजी) हों।
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राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत आवश्यक सभी दस्तावेज द्विभाषी हों।
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हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिंदी में तथा अंग्रेजी पत्रों का उत्तर यथासंभव हिंदी में दिया जाए।
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हिंदी में डिक्टेशन को बढ़ावा दिया जाए।
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हिंदी पुस्तकालयों का सक्रिय उपयोग किया जाए।
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निरीक्षण रिपोर्टों में राजभाषा प्रगति को अवश्य शामिल किया जाए।
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ई-ऑफिस में हिंदी के टूल्स का प्रयोग कर कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाए।
‘क’ क्षेत्र में है जबलपुर मंडल, हिंदी संवाद को प्राथमिकता
मंडल रेल प्रबंधक श्री तलरेजा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जबलपुर मंडल ‘क’ क्षेत्र में आता है, जहां हिंदी मातृभाषा बोलने वालों की संख्या अधिक है। इसलिए कर्मचारियों के साथ-साथ यात्रियों के साथ भी संवाद हिंदी में ही अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फील्ड स्टाफ को भी निर्देश हिंदी में ही दिए जाएं और कार्यालयीन कार्यों में अधिकतम हिंदी का प्रयोग हो।
सचिव की रिपोर्ट और समापन
बैठक का संचालन राजभाषा अधिकारी एवं समिति सचिव श्री डी.के. शुक्ला ने किया, जिन्होंने सचिवीय रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए सभी अधिकारियों से हिंदी प्रयोग की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।
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