जातिगत जनगणना के नोटिफिकेशन में "जाति" शब्द गायब, कांग्रेस ने बताया ओबीसी वर्ग के साथ धोखा

जबलपुर। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जनगणना संबंधी अधिसूचना जारी किए जाने के बाद, इसमें "जाति" शब्द का उल्लेख न किए जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ओबीसी विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व प्रवक्ता टीकाराम कोष्टा ने कहा कि यह कदम भाजपा की ओबीसी विरोधी मानसिकता का प्रमाण है।

कांग्रेस नेता टीकाराम कोष्टा 

टीकाराम कोष्टा ने कहा कि मोदी सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में जातिगत जनगणना का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि भाजपा की मंशा ओबीसी वर्ग के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर ईमानदार नहीं है। उन्होंने तेलंगाना सरकार की मिसाल देते हुए कहा कि वहाँ के आदेश में जाति आधारित सर्वेक्षण का स्पष्ट उल्लेख किया गया, जबकि केंद्र सरकार सिर्फ घोषणा तक सीमित है।

"यदि मोदी सरकार वास्तव में जातिगत जनगणना को लेकर गंभीर है, तो नोटिफिकेशन में 'जाति' शब्द का उल्लेख क्यों नहीं किया गया?" – टीकाराम कोष्टा

कथनी और करनी में अंतर: कांग्रेस

कोष्टा ने आरोप लगाया कि भाजपा ओबीसी वर्ग के हितों की अनदेखी करती रही है और केवल चुनावी लाभ के लिए इस वर्ग का उपयोग करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री खुद को ओबीसी वर्ग से जुड़ा बताते हैं, लेकिन उनकी नीतियाँ और निर्णय ओबीसी विरोधी रहे हैं।

"देश में 11 वर्षों से ओबीसी वर्ग से प्रधानमंत्री हैं, मध्यप्रदेश में दो दशक से मुख्यमंत्री, फिर भी जातिगत जनगणना पर चुप्पी क्यों?"

नेताओं का समर्थन

कांग्रेस नेताओं अलीम मंसूरी, विजय अग्रवाल, मुन्ना ठाकुर, राजेश पटेल, डॉ. मोइन अंसारी, संजू ठाकुर, मामूर गुड्डू, पी.पी. पटेल, राजा खान, रविंद्र कुशवाहा, अशोक चौधरी आदि ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि यह नोटिफिकेशन ओबीसी वर्ग के साथ विश्वासघात है। उन्होंने चेतावनी दी कि ओबीसी समाज इस बार भाजपा को माफ नहीं करेगा।

कांग्रेस की मांग

कांग्रेस ने मांग की है कि केंद्र सरकार जनगणना अधिसूचना में संशोधन कर "जाति" शब्द को स्पष्ट रूप से शामिल करे और प्रत्येक जाति समूह का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण सुनिश्चित करे।

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