नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण से एक 22 वर्षीय युवती की मौत ने एक बार फिर कोरोना को लेकर चिंता बढ़ा दी है। 2025 में अब तक राजधानी में कोरोना से चौथी मौत दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युवती पहले से टीबी के बाद की फेफड़ों की बीमारी से जूझ रही थी और इलाज के दौरान कोरोना संक्रमण के कारण उसकी हालत और बिगड़ गई।
कोरोना के बढ़ते मामले: डेटा से सामने आई गंभीर स्थिति
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक दिल्ली में 483 कोविड मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार मरीजों की मौत हुई है। रविवार को 47 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि 82 मरीजों को छुट्टी दी गई। इस समय राजधानी में सक्रिय मामले भले ही सीमित हों, लेकिन गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए कोरोना अब भी जानलेवा साबित हो सकता है।
अस्पतालों की तैयारी पूरी, लेकिन सतर्कता जरूरी
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कोविड नोडल अधिकारी डॉ. पवन कुमार के मुताबिक, अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 9 बेड वाला विशेष वार्ड तैयार किया गया है जिसे ज़रूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल अस्पताल में एक भी कोविड मरीज भर्ती नहीं है, लेकिन संक्रमण की आशंका को देखते हुए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर सतर्क है।
स्वास्थ्य विभाग का दावा: इलाज की व्यवस्था पूरी
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि कोविड से निपटने के लिए सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। ऑक्सीजन, दवाएं, PPE किट्स और टेस्टिंग सुविधाएं पूरी तरह से मुहैया कराई गई हैं। जनता से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं लेकिन सतर्क रहें।
विशेषज्ञों की चेतावनी: लक्षणों को न करें नजरअंदाज
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही कोरोना का नया वेरिएंट हल्का हो, लेकिन यह गंभीर बीमारियों से ग्रस्त, बुजुर्ग या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए घातक बन सकता है। डॉ. राजकुमार, निदेशक, वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के अनुसार, सांस की बीमारी से पीड़ित मरीजों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
COVID के लक्षण नजर आएं तो क्या करें?
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि यदि किसी व्यक्ति को खांसी, जुखाम, बुखार, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और घर में आइसोलेशन का पालन करें। किसी भी तरह की लापरवाही से संक्रमण दूसरों तक फैल सकता है, खासकर घर के बुजुर्गों तक।
मास्क और सावधानी अब भी जरूरी
डॉक्टरों ने कहा है कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना, और सामाजिक दूरी बनाए रखना अब भी अहम है। भले ही आम लोगों पर असर कम हो, लेकिन वायरस का प्रसार गंभीर मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
कोरोना गया नहीं, सतर्क रहना ही सुरक्षा है
दिल्ली में 22 वर्षीय युवती की मौत इस बात की चेतावनी है कि कोरोना संक्रमण को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। आम जनता को चाहिए कि वे स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस का पालन करें, और लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराएं। सतर्कता ही बचाव है।
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