RTI आवेदन के लिए अब अनिवार्य होगा OTP से ईमेल वेरिफिकेशन, सरकार 16 जून से करेगी नई व्यवस्था लागू

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 के तहत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 16 जून 2025 से अब RTI आवेदन दायर करने के लिए ईमेल वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है, जो वन टाइम पासवर्ड (OTP) के ज़रिए होगा।


नए बदलाव का उद्देश्य: साइबर सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के अंतर्गत आने वाले RTI Online पोर्टल पर सोमवार को जारी आधिकारिक संदेश में यह जानकारी दी गई। इसमें कहा गया है कि यह कदम नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा, डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव और पोर्टल की साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

नई व्यवस्था के तहत, जब कोई नागरिक पोर्टल पर RTI आवेदन दर्ज करेगा, तो उसे अपना ईमेल सत्यापित करने के लिए OTP दर्ज करना होगा, जो उसके ईमेल पते पर भेजा जाएगा। बिना OTP सत्यापन के आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

RTI पोर्टल पर क्या-क्या कर सकते हैं नागरिक?

RTI Online पोर्टल का उपयोग करके नागरिक केंद्र सरकार के अधीन विभागों से जानकारी मांग सकते हैं। इसके अलावा:

  • प्रथम अपील दर्ज कर सकते हैं

  • आवेदन की स्थिति की निगरानी कर सकते हैं

  • आवेदनों का इतिहास देख सकते हैं

  • ऑनलाइन शुल्क का भुगतान भी कर सकते हैं

अब यह प्रक्रिया पहले से अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होगी, जिससे फर्जी और स्पैम आवेदन रोकने में मदद मिलेगी।

RTI ऑनलाइन प्रणाली में यह पहला बड़ा बदलाव नहीं

यह पहली बार नहीं है जब RTI पोर्टल में तकनीकी सुधार किए गए हैं। इससे पहले भी डिजिटल भुगतान गेटवे, मल्टी-फॉर्मेट सपोर्ट, और सभी मंत्रालयों के एकीकृत डैशबोर्ड जैसी सुविधाएं जोड़ी गई थीं। लेकिन इस बार का OTP आधारित वेरिफिकेशन RTI पारदर्शिता को साइबर फ्रॉड से बचाने की दिशा में निर्णायक माना जा रहा है।

RTI एक्टिविस्ट्स और डिजिटल विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

RTI कार्यकर्ताओं और साइबर विशेषज्ञों ने इस पहल का स्वागत किया है। डिजिटल ट्रांसपेरेंसी विशेषज्ञ डॉ. नवीन शर्मा का कहना है, “यह एक आवश्यक और समयानुकूल कदम है, क्योंकि RTI पोर्टल पर कई बार फर्जी मेल आईडी से स्पैम आवेदन आते हैं। OTP वेरिफिकेशन से इन पर रोक लगेगी।”

हालांकि कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी सुझाव दिया है कि OTP वेरिफिकेशन को यूज़र फ्रेंडली बनाया जाए, ताकि टेक्नोलॉजी से अपरिचित नागरिक भी इसका आसानी से उपयोग कर सकें।

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