रेल राजभाषा के 141वें अंक और 'रेलबानी' पुस्तिका का हुआ लोकार्पण, हिंदी साहित्य के प्रचार पर जोर
यह सम्मान समारोह रेल भवन में आयोजित राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 155वीं बैठक के दौरान सम्पन्न हुआ। बैठक की अध्यक्षता सदस्य (परिचालन एवं व्यावसायिक विकास) श्री हितेंद्र मल्होत्रा ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में हिंदी भाषा को भारतीय रेल की कार्य संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा बताते हुए सभी सदस्यों से हिंदी के प्रयोग को कार्यक्षेत्र में बढ़ावा देने का आह्वान किया।
प्रकाशन विमोचन और साहित्यिक सरोकार
बैठक के दौरान ‘रेल राजभाषा’ पत्रिका के 141वें अंक तथा भारतीय भाषाओं को जोड़ने वाली विशेष पुस्तिका ‘रेलबानी’ का भी भव्य लोकार्पण किया गया। श्री मल्होत्रा ने सुझाव दिया कि आगामी बैठकों में हिंदी साहित्यकारों की कृतियों पर आधारित प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाएँ, ताकि सदस्य न केवल भाषा का प्रयोग करें बल्कि उसके साहित्यिक पक्ष को भी समझें और अपनाएँ।
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
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सदस्य (वित्त) सुश्री उषा वेणुगोपाल ने राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में सभी विभागों को समर्पण के साथ कार्य करने का सुझाव दिया।
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सदस्य (कर्षण एवं चल स्टॉक) श्री बी एम अग्रवाल ने इसे संवैधानिक दायित्व बताते हुए लक्ष्य आधारित कार्य योजना पर बल दिया।
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अपर सदस्य (मानव संसाधन) सुश्री वी जी भूमा ने अपने स्वागत भाषण में समस्त अधिकारियों का अभिनंदन किया।
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कार्यपालक निदेशक (स्थापना – श्रम कानून) श्री सुधीर कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
तिमाही समीक्षा
इस अवसर पर मार्च 2025 में समाप्त तिमाही के लिए राजभाषा निष्पादन की समीक्षा की गई, जिसमें रेलवे बोर्ड एवं इसके अधीनस्थ उपक्रमों की हिंदी कार्यप्रगति का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया।
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