छह वर्षों से चुनावी गतिविधियों से दूर दलों को भेजा गया कारण बताओ नोटिस
🗳 निष्क्रियता की सजा: चुनाव नहीं लड़ा, पहचान खत्म
📄 देशभर से जुटाई गई जानकारी, दलों को मिलेगा जवाब देने का मौका
इन 345 दलों की पहचान के बाद संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें और उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने का एक अंतिम अवसर दें।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह कार्यवाही पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होगी और किसी भी दल को अनुचित तरीके से सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।
📊 2,800 से अधिक गैर-मान्यता प्राप्त दल, सुधार की आवश्यकता
🔍 पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र की मजबूती की ओर कदम
इस अभियान से उन तथाकथित राजनीतिक दलों पर भी लगाम लगेगी जो सिर्फ पंजीकरण का लाभ उठाकर कर मुक्त चंदा इकट्ठा करने या किसी अन्य स्वार्थ के लिए अस्तित्व में रहते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम न केवल राजनीतिक पंजीकरण प्रणाली की शुद्धता बनाएगा, बल्कि भविष्य में बेहतर चुनावी मानक स्थापित करने में भी सहायक होगा।
🧾 क्यों जरूरी था यह फैसला?
-
छह साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ने वाले दल लोकतंत्र के सक्रिय अंग नहीं कहे जा सकते।
-
फर्जी राजनीतिक दलों के नाम पर कर चोरी और चंदा दुरुपयोग की शिकायतें बढ़ी थीं।
-
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए निष्क्रिय दलों की सफाई आवश्यक है।
अक्षर सत्ता — तेज़ तर्रार आपका अख़बार, जनता के हक़ का पहरेदार
إرسال تعليق