लोकतंत्र भारतीय संस्कृति की आत्मा है : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री निवास पर लोकतंत्र सेनानियों का प्रादेशिक सम्मेलन सम्पन्न, कई घोषणाएं

भोपाल, 26 जून 2025 | अक्षर सत्ता संवाददाता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि लोकतंत्र भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह केवल शासन प्रणाली नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली की आत्मा और पहचान है। वे गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित लोकतंत्र सेनानियों के प्रादेशिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक जड़ें अत्यंत गहरी हैं और यह हमारी विविधता में एकता की नींव हैं। उन्होंने आपातकाल काल में लोकतंत्र की रक्षा हेतु संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों के योगदान को देश की लोकतांत्रिक मजबूती की नींव बताया।


🗣 लोकतंत्र सेनानियों के लिए नई घोषणाएं

सम्मेलन में डॉ. यादव ने लोकतंत्र सेनानियों के हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:

  • 70 वर्ष से अधिक आयु के लोकतंत्र सेनानियों को आयुष्मान कार्ड के तहत नि:शुल्क इलाज।

  • आवश्यकता पड़ने पर पीएम एयर एम्बुलेंस की सुविधा।

  • लोकतंत्र सेनानियों के परिजनों को शासकीय योजनाओं में प्राथमिकता।

  • 2025 को “रोजगार एवं उद्योग वर्ष” के रूप में मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि लोकतंत्र की इस अनमोल विरासत को बचाने और आगे बढ़ाने में हर नागरिक की भागीदारी अनिवार्य है।


📘 विमोचन एवं सम्मान समारोह

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव, कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावरचंद गहलोत, हरियाणा के पूर्व राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी, मंत्री तुलसीराम सिलावट और म.प्र. हिंदी ग्रंथ अकादमी अध्यक्ष श्री अशोक कड़ेल सहित कई गणमान्य अतिथियों ने ‘मीसा पत्रिका’ और ‘इमरजेंसी डायरी’ का विमोचन किया।

कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों को ताम्रपत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में प्रभारी मंत्री स्वयं लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करेंगे।


🕯 लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष का स्मरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में संविधान की हत्या कर आपातकाल लागू किया गया था। कांग्रेस सरकार द्वारा चुनी हुई सरकारों को भंग किया गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन ली गई। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र सेनानियों की अदम्य इच्छाशक्ति और बलिदान ही था, जिससे देश पुनः लोकतांत्रिक राह पर लौटा।


🌍 भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का प्रतीक

कार्यक्रम में श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि भारत ने लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती से जिया है। उन्होंने बताया कि आपातकाल के दौरान 46 अध्यादेश लागू किए गए थे, जिनमें नागरिक अधिकारों को खत्म किया गया था। आज भारत की आर्थिक प्रगति, लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक समरसता ने उसे वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर किया है।


🗨 अन्य वक्ताओं की बात

  • श्री कैलाश सोनी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोकतंत्र सेनानी संघ) ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान की रोल मॉडल सरकार बन चुकी है।

  • उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि पर बार-बार रोक लगाई गई, लेकिन वर्तमान सरकार इसे सशक्त रूप दे रही है।


🎥 लघु फिल्म और वंदे मातरम की गूंज

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और वंदे मातरम गायन से हुआ। इसके बाद आपातकाल पर केंद्र सरकार द्वारा निर्मित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया, जिससे युवाओं को उस दौर के काले अध्याय की जानकारी मिल सके।


👥 शामिल विशिष्टजन

इस अवसर पर मंच पर उपस्थित थे:

  • खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग

  • कौशल विकास राज्यमंत्री गौतम टेटवाल

  • पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर

  • भोपाल सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, अजय विश्नोई, महापौर मालती राय

  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक अशोक पांडे, लोकतंत्र सेनानी संघ के मेघराज जैन, प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक

कार्यक्रम का संचालन श्री सुरेंद्र द्विवेदी (लोकतंत्र सेनानी, पूर्व जनसंपर्क अधिकारी) ने किया। 

  • अक्षर सत्ता - तेज तर्रार आपका अख़बार, जनता के हक़ का पहरेदार संपादक दयाल चंद यादव (एमसीजे) 
  • अक्षर सत्ता में समाचार, प्रेस विज्ञप्ति, कवरेज और विज्ञापन के लिए व्हाट्स अप नंबर 9424755191 पर संपर्क करें। 
  • संपादक दयाल चंद यादव (एमसीजे)

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