ऐसे रचा गया था हाई-प्रोफाइल फ्रॉड का जाल
पीड़िता श्रीमती शशि शर्मा, निवासी पटेल मोहल्ला, यादव कॉलोनी, जबलपुर, ने 22 जनवरी को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका संयुक्त खाता एसबीआई, कमला नेहरू नगर शाखा में उनके पति चंद्रकेश शर्मा (पूर्व असिस्टेंट वर्क्स मैनेजर, व्हीकल फैक्ट्री) के साथ है।
10 जनवरी को आए एक फर्जी कॉल में उन्हें बताया गया कि उनका सिम मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हो रहा है और उनके आधार कार्ड से नकली ATM कार्ड बनाए गए हैं, जिनसे कैनरा बैंक नासिक के खाते में 2.5 करोड़ रुपये हैं — और इसके 10% का लेन-देन उनके नाम पर हुआ है, जिससे उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
डर के मारे पीड़िता ने पहले दिन ₹2 लाख, फिर 14, 17 और 20 जनवरी को क्रमशः ₹15 लाख, ₹32.65 लाख और ₹9.98 लाख — कुल 59.65 लाख रुपये ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए। उन्हें बार-बार विश्वास दिलाया गया कि पैसा सिर्फ "वेरिफिकेशन" के लिए है और जल्द लौटा दिया जाएगा।
क्राइम ब्रांच और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी जबलपुर श्री सम्पत उपाध्याय के निर्देश पर एएसपी आनंद कलादगी, डीएसपी अपराध उदयभान बागरी, तथा थाना प्रभारी शैलेष मिश्रा के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच और साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई।
तकनीकी जांच और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर आरोपी मुकेश चौधरी (उम्र 24 वर्ष) निवासी देवरी कला, थाना मरोठ, जिला नागौर (राजस्थान) को जयपुर में दबिश देकर गिरफ्तार किया गया।
सबूत के साथ पकड़ा गया आरोपी
पुलिस ने आरोपी के पास से दो मोबाइल फोन, एक बैंक चेक बुक और एक ATM कार्ड बरामद किया है। उसे जबलपुर लाकर विधिवत गिरफ्तार कर लिया गया है और धारा 318(4) बीएनएस एवं आईटी एक्ट की धारा 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला साइबर ठगों की नई रणनीति को उजागर करता है, जिसमें वे मनी लॉन्ड्रिंग, सिम ब्लॉकिंग और सरकारी गिरफ्तारी का डर दिखाकर भोले-भाले नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल से डरें नहीं, सतर्क रहें और किसी को भी बैंक संबंधी जानकारी न दें।
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