बैठक में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक ने जानकारी दी कि बिजली उपभोक्ताओं के कॉल नहीं उठाने वाले 15 अधिकारियों की वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी गई है। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कड़ा ऐतराज जताया और चेतावनी दी कि जनहित से जुड़ी सेवाओं में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
🔹 फील्ड में उतरें अधिकारी, भेजें टूर प्रोग्राम
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि फील्ड का सतत भ्रमण करें और एडवांस में अपना टूर प्रोग्राम भेजें। निरीक्षण के दौरान सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतें, मेंटीनेंस की स्थिति और ट्रिपिंग की रिपोर्ट को प्राथमिकता दें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि मेंटीनेंस का कार्य न्यूनतम समय में पूरा हो, ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।
🔸 समय-सीमा में शिकायतों का निराकरण अनिवार्य
बैठक में जिलेवार लंबित शिकायतों की समीक्षा करते हुए ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में करें। यदि कोई बड़ी तकनीकी समस्या आती है, तो उसका वीडियो-फोटो दस्तावेज सहित सोशल मीडिया पर अपलोड कर जनता को सूचित करें।
🔸 मेंटीनेंस के बाद भी ट्रिपिंग? कारण स्पष्ट करें
ऊर्जा मंत्री ने कंपनियों से पूछा कि मेंटीनेंस कार्यों के बाद भी ट्रिपिंग की घटनाएं क्यों सामने आ रही हैं? उन्होंने स्पष्ट किया कि यह गंभीर लापरवाही है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
🔹 एफओसी की संख्या बढ़ाने और जनसंपर्क पर जोर
श्री तोमर ने सुझाव दिया कि Fault Opening Crew (एफओसी) की संख्या में वृद्धि की जाए और रहवासी संघों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ नियमित संवाद स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि मानसून की शुरुआत में ही बार-बार ट्रिपिंग की घटनाएं होना बेहद चिंता का विषय है।
🔸 मेंटीनेंस के लिए 15-15 करोड़ की राशि मंजूर
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मंडलोई ने बैठक में बताया कि तीनों वितरण कंपनियों को मेंटीनेंस के लिए 15-15 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि इस राशि का पूर्णत: सदुपयोग करते हुए बिजली व्यवधान की घटनाएं न्यूनतम स्तर पर लाई जाएं।
बैठक में पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक श्री अविनाश लवानिया समेत विद्युत वितरण कंपनियों के एमडी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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