महापौर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा, “बारिश से पहले बड़े नालों और नालियों की सफाई का कार्य 20 जून तक हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए। संभावित जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान कर वैकल्पिक जल निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि शहरवासी जलजमाव की परेशानी से न जूझें।”
अतिक्रमणकारियों पर सख्ती के निर्देश
महापौर श्री अन्नू ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि नालों और वर्षा जल निकासी मार्गों पर अवैध अतिक्रमण करने वालों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि जलनिकासी में बाधा डालने वाले हर अवरोध को तत्काल हटाया जाए, ताकि मानसून के दौरान शहर में जलप्लावन की स्थिति उत्पन्न न हो।
बैठक में अधिकारीगण रहे उपस्थित
समीक्षा बैठक में नगर निगम की स्वास्थ्य प्रभारी एम.आई.सी सदस्य श्रीमती रजनी कैलाश साहू, निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव, अपर आयुक्त व्ही.एन. बाजपेयी, उपायुक्त संभव अयाची, स्वास्थ्य अधिकारी संदीप जायसवाल, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल बारी, धर्मेन्द्रराज, पोला राव, अर्जुन यादव सहित मुख्य स्वच्छता निरीक्षकगण उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों को जलभराव रोकने के लिए क्षेत्रवार जिम्मेदारियाँ सौंपते हुए नियमित निरीक्षण का भी आदेश दिया गया।
सतर्क प्रशासन, सजग नागरिकों की अपील
महापौर ने बैठक के अंत में नागरिकों से भी अपील की कि नालियों में कचरा और प्लास्टिक कचरे को न फेंकें और नगर निगम के सहयोगी बनें। उन्होंने बताया कि निगम की ओर से शीघ्र ही सार्वजनिक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
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