रतलाम में मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले की बड़ी सुरक्षा चूक, कांग्रेस बोली- जब VIP असुरक्षित तो आम जनता का क्या होगा?
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के काफिले में शामिल 19 गाड़ियों के अचानक बंद हो जाने की घटना ने प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्थाओं और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री रतलाम में आयोजित ‘एमपी राइज़ - रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट कॉन्क्लेव’ में भाग लेने के लिए रवाना हुए थे।
🔍 क्या हुआ था?
घटना वीरवार देर रात की है। मुख्यमंत्री का काफिला जब रतलाम शहरी सीमा के डोसीगांव स्थित शक्ति फ्यूल्स पेट्रोल पंप से डीजल भरवाकर आगे बढ़ा, तो कुछ ही किलोमीटर चलने के बाद काफिले की एक के बाद एक कुल 19 गाड़ियां बंद हो गईं। सुरक्षाकर्मियों और ड्राइवरों को गाड़ियों को धक्का लगाकर सड़क किनारे खड़ा करना पड़ा।
💥 जांच में चौंकाने वाला खुलासा
प्रशासनिक अधिकारियों और तकनीकी टीमों ने मौके पर पहुंचकर जब जांच शुरू की तो साफ हुआ कि डीजल में भारी मात्रा में पानी मिला हुआ था।
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कई वाहनों में 20 लीटर डीजल में से 10 लीटर तक पानी पाया गया।
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एक ट्रक चालक, जिसने 200 लीटर डीजल भरवाया था, उसकी गाड़ी भी कुछ दूरी बाद ही ठप हो गई।
🛢️ पंप सील, कार्रवाई शुरू
पेट्रोल पंप प्रबंधन का तर्क है कि संभवतः बारिश के कारण पानी टैंक में रिस गया होगा, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए
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शक्ति फ्यूल्स पेट्रोल पंप को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया।
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रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।
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मामले की फॉरेंसिक और तकनीकी जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
इधर, मुख्यमंत्री के रुकने की वजह से कार्यक्रम में देरी न हो, इसके लिए इंदौर से नई गाड़ियों की व्यवस्था कर काफिला रतलाम रवाना किया गया।
🟥 विपक्ष का सरकार पर तीखा हमला
घटना के सामने आते ही कांग्रेस ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया।
कांग्रेस सेवा दल ने सोशल मीडिया पर लिखा:
यह है डबल इंजन सरकार की डबल क्वालिटी व्यवस्था! जब मुख्यमंत्री की गाड़ियां सुरक्षित नहीं, तो आम जनता का क्या होगा?
कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास ने कटाक्ष करते हुए कहा:
मध्यप्रदेश में गजब हो गया! मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले की 19 गाड़ियों में डीजल की जगह पानी भर दिया गया। अब सोचिए, आम जनता की गाड़ी कैसे चलती होगी?
⚠️ प्रशासनिक लापरवाही या साजिश?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी नहीं बल्कि सुरक्षा में बड़ी चूक या साजिश का संकेत भी हो सकती है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में शामिल गाड़ियों के साथ ऐसा होना न सिर्फ शर्मनाक बल्कि गंभीर चिंता का विषय भी है।
मुख्यमंत्री के काफिले में घटित यह घटना केवल एक प्रशासनिक भूल नहीं, बल्कि ईंधन आपूर्ति प्रणाली की पारदर्शिता, गुणवत्ता नियंत्रण और VIP सुरक्षा प्रोटोकॉल पर बड़ा सवाल है।
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