ईरान परमाणु हमला: IAEA ने बुलाई आपात बैठक, अमेरिका ने माना तीन परमाणु ठिकानों पर किया हमला

वियना/नई दिल्ली। ईरान-इज़राइल-अमेरिका तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने सोमवार को आपात बैठक बुलाई है। ईरान के फोर्डो, इस्फ़हान और नतांज़ स्थित परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद यह बैठक परमाणु सुरक्षा पर वैश्विक चिंता के मद्देनजर बुलाई गई है।



🛑 IAEA महानिदेशक का बयान: रेडिएशन अभी तक नियंत्रण में

IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

"ईरान में गंभीर हालात को देखते हुए गवर्नर्स की आपात बैठक सोमवार को बुलाई गई है।"

उन्होंने बताया कि:

  • तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया है।

  • अब तक ऑफ-साइट रेडिएशन का स्तर सामान्य है।

  • स्थिति का आकलन अधिक जानकारी मिलने के बाद किया जाएगा।


☢️ ईरान के इस्फ़हान में फिर से हमला, बड़ा परमाणु परिसर प्रभावित

राफेल ग्रॉसी के मुताबिक, बीते 9 दिनों में यह दूसरा मौका है जब इस्फ़हान स्थित बड़े परमाणु परिसर पर हमला हुआ है।
इस परिसर में कई संवेदनशील नाभिकीय इमारतें और यंत्र स्थित हैं।


🇺🇸 अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की पुष्टि: तीन ठिकानों को किया नष्ट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा:

“हमने फोर्डो, इस्फ़हान और नतांज़ की परमाणु सुविधाओं पर सटीक हमले किए हैं। हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को समाप्त करना और दुनिया को संभावित परमाणु खतरे से बचाना था।”

उन्होंने दावा किया कि:

  • हमले पूरी तरह से सफल रहे।

  • संवर्धन सुविधाएं पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं।

  • यह एक सैन्य सफलता है जो इतिहास में दर्ज होगी।


🇮🇱 इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की प्रतिक्रिया

बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप की कार्रवाई की तारीफ करते हुए कहा:

“राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन को परमाणु हथियार से वंचित करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। यह ताकत के जरिए शांति की पेशकश है।”


🧭 पृष्ठभूमि: IAEA और संयुक्त राष्ट्र की चिंता

शनिवार को IAEA की रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश की गई थी जिसमें कहा गया था कि:

  • ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले से परमाणु सुरक्षा को गंभीर खतरा है।

  • अब तक कोई विकिरण रिसाव नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में इसका खतरा बना हुआ है


🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा

  • अब दुनिया की निगाहें IAEA की इस आपात बैठक पर टिकी हैं।

  • विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटना वैश्विक परमाणु स्थिरता को गहराई से प्रभावित कर सकती है।

     ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमलों ने पूरे विश्व में बेचैनी और नवीनतम शीत युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। IAEA की आपात बैठक आने वाले दिनों में इस संघर्ष की दिशा तय करने में निर्णायक साबित हो सकती है।

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