महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के कुशल मार्गदर्शन में रेलवे के वाणिज्य और परिचालन विभागों के समन्वित प्रयासों से यह उपलब्धि संभव हो सकी है। अकेले जून 2025 माह में पश्चिम मध्य रेलवे ने 4.85 मिलियन टन माल की लोडिंग की, जो जून 2024 की तुलना में 7% अधिक है (पिछले वर्ष 4.55 मिलियन टन)।
व्यापार विकास इकाइयों की भूमिका प्रभावी
रेलवे द्वारा तीनों मंडलों—जबलपुर, भोपाल और कोटा—में स्थापित व्यापार विकास इकाइयों (BDU) के माध्यम से नए लोडिंग स्ट्रीम्स को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। व्यापारियों के साथ नियमित बैठकें कर, उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सुविधाएं मुहैया कराई गईं, जिससे माल यातायात को प्रोत्साहन मिला है।
परिचालन सुधार और तेज रफ्तार का लाभ
रेलवे ने मालगाड़ियों की औसत गति में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे परिचालन क्षमता बढ़ी है। कई प्रमुख रेलखंडों में इंफ्रास्ट्रक्चर उन्नयन और परिचालन सुधारों से माल डिटेंशन को घटाया गया, जिससे समयबद्ध डिलीवरी और अधिक लदान संभव हुआ।
24x7 लोडिंग-अनलोडिंग सुविधाएं
पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले कई माल गोदामों में अब चौबीस घंटे लोडिंग और अनलोडिंग सेवाएं उपलब्ध हैं। इससे व्यापारियों को अधिक लचीलापन मिला है और लदान की प्रक्रिया तेज हुई है।
नवीन माल गोदामों का विकास
रेलवे द्वारा नए माल गोदामों का निर्माण और पुराने टर्मिनलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में और अधिक फ्रेट लोडिंग संभव हो सकेगी।
गति, क्षमता और सुविधा—तीनों मोर्चों पर अव्वल पमरे
पश्चिम मध्य रेलवे की यह सफलता उसके दूरदर्शी नेतृत्व, तकनीकी सुधारों और व्यापारिक सहभागिता का प्रमाण है। आने वाले महीनों में यह ट्रेंड और मजबूती से आगे बढ़ेगा, ऐसा विश्वास रेलवे अधिकारियों ने जताया है। रेलवे की यह उपलब्धि देश की अर्थव्यवस्था और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को गति देने में मील का पत्थर साबित हो रही है।
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