📍 क्रेता-विक्रेता दोनों से मनमाने शुल्क की वसूली, नियमों की उड़ रही धज्जियाँ
बिना रसीद, अभद्र व्यवहार
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि वसूली के समय रसीद मांगे जाने पर ठेकेदार के कर्मचारी गाली-गलौज और धमकी पर उतर आते हैं। नगर परिषद द्वारा तय रेट लिस्ट सिर्फ दिखावे के लिए लगाई गई है, उस पर न तो ठेकेदार और न ही उसके कर्मचारियों का ध्यान होता है।
6 माह में पूरी वसूली, बाकी समय दबाव
जानकारों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा बाजार ठेका लगभग 36 लाख रुपये में लिया गया है। लेकिन मौजूदा वसूली के तौर-तरीकों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह राशि 6 माह में ही वसूल ली जाएगी, और शेष समय में यह सिर्फ मुनाफाखोरी और शोषण का जरिया बना रहेगा।
मवेशी बाजार में भारी अवैध वसूली
मवेशी बाजार में बकरी-बकरा जैसे छोटे जानवरों की खरीद पर जहाँ 70 रुपये (GST सहित) वसूले जाने चाहिए, वहीं 150 से 200 रुपये वसूले जा रहे हैं। गाय, बैल, भैंस जैसे बड़े पशुओं पर 190 रुपये की तय दर के बजाय 500 से 600 रुपये की वसूली की जा रही है।
शिकायतों का अंबार, लेकिन कार्यवाही नदारद
अब तक दो दर्जन से अधिक व्यापारियों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से लिखित शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। व्यापारियों का कहना है कि नगर परिषद के कुछ जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण यह अवैध वसूली निर्बाध रूप से जारी है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
मयूर वाहने, सीएमओ, नगर परिषद लांजी:
शिकायत प्राप्त हुई है। ठेकेदार को नियमानुसार वसूली के निर्देश दिए जाएंगे। यदि शिकायत सही पाई गई तो सख्त वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
इस विषय पर नगर परिषद की बैठक में चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। अवैध वसूली रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
लगातार शिकायतें मिल रही हैं। ठेका निरस्त करने तक की कार्यवाही हो सकती है। जांच कराकर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।
إرسال تعليق