केरल में निपाह वायरस का फिर से खतरा: एक युवती की मौत, 383 लोग निगरानी में

कोच्चि, 8 जुलाई। दक्षिण भारत के केरल राज्य में एक बार फिर निपाह वायरस संक्रमण की आंशका गहराती जा रही है। राज्य के मलप्पुरम और पलक्कड़ जिलों में दो व्यक्तियों के निपाह वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस बेहद खतरनाक है और समय पर नियंत्रण नहीं किया गया तो यह व्यापक रूप से फैल सकता है।

निपाह वायरस क्या है?

निपाह वायरस एक जानलेवा संक्रामक वायरस है जो चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। यह संक्रमित भोजन या फिर मानव-से-मानव संपर्क के जरिए भी फैल सकता है। वायरस की ऊष्मायन अवधि 5 से 14 दिनों तक होती है, जिसके बाद इसके लक्षण सामने आते हैं। इस वायरस से मृत्यु दर 40 से 75 प्रतिशत तक हो सकती है।

हालिया घटनाएं: एक मौत, कई संक्रमित

राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे ने पुष्टि की है कि मलप्पुरम जिले के चेट्टियारंगडी की 18 वर्षीय लड़की की मौत निपाह वायरस से हुई है। वहीं, पलक्कड़ जिले के थचनट्टुकारा की 38 वर्षीय महिला में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद, राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है।

संपर्क में आए 383 लोग निगरानी में

स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए 383 लोगों की पहचान की गई है। इनमें से:

  • 12 का इलाज मलप्पुरम में चल रहा है, जिनमें से 5 आईसीयू में भर्ती हैं।

  • 4 मरीज पलक्कड़ जिले में आइसोलेशन में हैं।

लक्षण और सावधानियां

डॉ. नरेश पुरोहित, राष्ट्रीय संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार और राष्ट्रीय एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के प्रमुख अन्वेषक ने बताया कि निपाह वायरस के लक्षण इन्फ्लूएंजा जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिरदर्द, बेहोशी, मतली, उल्टी, पेट दर्द, थकावट, और धुंधली दृष्टि शामिल हैं। गंभीर मामलों में मरीज कोमा में भी चला सकता है और मस्तिष्क में एन्सेफलाइटिस हो सकता है।

क्या करें और क्या न करें?

चूंकि निपाह वायरस का कोई टीका या दवा अभी तक उपलब्ध नहीं है, इसलिए सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।

  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।

  • हाथों की स्वच्छता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

  • कम से कम 20 सेकंड तक साबुन या अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र से हाथ साफ करें।

  • रोगी द्वारा उपयोग की गई चीजें जैसे कपड़े, बर्तन, शौचालय की वस्तुएं अलग से धोकर स्वच्छ रखें

  • चमगादड़ों से दूषित फलों या भोजन से परहेज करें।

पृष्ठभूमि: 2018 की यादें फिर ताज़ा

केरल में 2018 में पहली बार निपाह वायरस का प्रकोप हुआ था, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। तब भी मलप्पुरम और कोझिकोड जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई और लोगों की सतर्कता से उस समय संक्रमण पर काबू पाया जा सका था।

निपाह वायरस का खतरा एक बार फिर केरल में मंडरा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञ लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं। आम लोगों से सतर्कता और सहयोग की अपील की गई है। समय पर सावधानी और जागरूकता ही इस जानलेवा संक्रमण को फैलने से रोक सकती है।

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📌 सरकारी दिशानिर्देशों और स्वास्थ्य विभाग की सलाह का पालन अवश्य करें।

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