नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) द्वारा मंगलवार को जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार, असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थित चार नदियों में भीषण बाढ़ दर्ज की गई है, जबकि 11 अन्य नदियां चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही हैं। इस रिपोर्ट में नर्मदा नदी सहित देशभर की बाढ़ग्रस्त नदियों की स्थिति का आकलन किया गया है।
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देशभर में 4 नदियों में भीषण बाढ़। |
मध्य प्रदेश: नर्मदा नदी मंडला में खतरे के निशान से ऊपर
मध्य प्रदेश के मंडला जिले में बह रही नर्मदा नदी का जलस्तर 437.67 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। हालांकि, राहत की बात यह है कि जलस्तर में धीरे-धीरे कमी देखने को मिल रही है। इससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन सतर्कता अब भी जरूरी है।
महाराष्ट्र: वैनगंगा नदी भी खतरे के पार
महाराष्ट्र के भंडारा जिले में वैनगंगा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन द्वारा संभावित इलाकों में निगरानी और अलर्ट जारी किया गया है।
असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति
असम में गोलाघाट जिले की धनसिरी (दक्षिण) और नुमालीगढ़ की नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। इसके अलावा, नेमाटीघाट और तेजपुर में ब्रह्मपुत्र, शिवसागर में दीखौ नदी, और करीमगंज में कुशियारा नदी चेतावनी स्तर से ऊपर दर्ज की गई हैं। हालांकि कुछ स्थानों पर जल स्तर स्थिर या घटने की प्रवृत्ति दिखा रहा है।
उत्तर भारत और पूर्वी राज्यों में भी खतरा बरकरार
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उत्तर प्रदेश: एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है।
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बिहार: डुमरिया घाट पर गंडक नदी में जलस्तर में तेजी देखी गई है।
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ओडिशा: बैतरणी और जलका नदियों में चेतावनी स्तर पार होने की सूचना है।
35 जलाशयों पर जलप्रवाह चेतावनी
सीडब्ल्यूसी ने देशभर के 35 प्रमुख बांधों और बैराजों के लिए भी जल प्रवाह का पूर्वानुमान जारी किया है, जहां जलस्तर खतरे की सीमा तक पहुंच चुका है। इनमें शामिल हैं:
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श्रीशैलम बांध (आंध्र प्रदेश)
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मैथन बांध (झारखंड)
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आलमट्टी डैम (कर्नाटक)
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इंदिरा सागर (मध्य प्रदेश)
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दुर्गापुर बैराज (पश्चिम बंगाल)
राष्ट्रीय परिदृश्य: अत्यंत भीषण बाढ़ की स्थिति नहीं
देश में कई स्थानों पर स्थानीय स्तर पर भीषण बाढ़ देखी जा रही है, लेकिन कहीं भी अत्यंत भीषण बाढ़ की स्थिति अब तक सामने नहीं आई है। जल आयोग के अनुसार, नदियों ने अब तक अपने पिछले उच्चतम जलस्तर को पार नहीं किया है, जो इस समय राहत का संकेत है।
भारत के कई हिस्सों में मानसून की सक्रियता से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, लेकिन सतर्कता और समय पर चेतावनी के चलते व्यापक आपदा की आशंका फिलहाल कम मानी जा रही है। फिर भी, नागरिकों और स्थानीय प्रशासन को जागरूकता और तैयारियों को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।
📌 नियमित अपडेट और स्थानीय स्तर पर सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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