🚓 सख्ती के साथ शुरू हुआ अभियान, पुलिस और परिवहन बल तैनात
इस सख्त अभियान की कमान दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने संभाली है। दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम (MCD) के साथ समन्वय कर पेट्रोल पंपों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। मंगलवार सुबह 6 बजे से अभियान की शुरुआत की गई और पंपों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी और परिवहन विभाग के अधिकारी तैनात रहे।
🔍 कैसे पहचाने जा रहे हैं पुराने वाहन?
स्वचालित कैमरों और एआई आधारित तकनीक के माध्यम से जैसे ही कोई प्रतिबंधित वाहन पेट्रोल पंप के पास आता है, कैमरा उसकी नंबर प्लेट स्कैन कर डेटाबेस से मिलान करता है। प्रतिबंधित वाहन की पुष्टि होते ही हूटर बजता है और स्टाफ को अलर्ट कर दिया जाता है। इसके बाद ऐसे वाहनों को तुरंत जब्त किया जा रहा है।
परिवहन प्रवर्तन टीम के उपनिरीक्षक धर्मवीर ने कहा,
हम सुबह 6 बजे से ही तैनात हैं। हमारा स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी पुराने वाहन में ईंधन न डाला जाए। हमने पंप ऑपरेटरों को भी इसकी सख्त हिदायत दी है।
🛑 क्या कहती है दिल्ली ट्रैफिक पुलिस?
ASI जगन लाल, जो ट्रैफिक पुलिस की ओर से इस अभियान में शामिल हैं, ने बताया,
हम कैमरा अलर्ट के साथ-साथ केंद्रीय वाहन डेटाबेस से भी पुष्टि कर रहे हैं। अभियान का उद्देश्य सिर्फ सख्ती नहीं, बल्कि प्रदूषण पर गंभीर कार्रवाई करना है।
🌍 प्रदूषण पर सरकार का फोकस, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल
यह कदम दिल्ली सरकार की वायु प्रदूषण पर नियंत्रण की रणनीति का हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में आदेश दिया था कि दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को सार्वजनिक सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं होगी। वहीं, 2014 में एनजीटी ने इन वाहनों की पार्किंग तक पर पाबंदी लगा दी थी।
🧾 जनता के लिए क्या है जरूरी जानना?
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जिनके वाहन प्रतिबंधित श्रेणी में आते हैं, उन्हें चाहिए कि वे समय रहते वाहन स्क्रैप या रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण की प्रक्रिया अपनाएं।
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पेट्रोल पंपों पर जाने से पहले VAHAN पोर्टल या परिवहन ऐप्स के जरिए अपने वाहन की स्थिति जांच लें।
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किसी भी तरह के विरोध या नियम उल्लंघन की स्थिति में गंभीर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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