भू माफिया का षड़यंत्र उजागर: आदिवासी महिला की ज़मीन पर फर्जी रजिस्ट्री, छह आरोपी नामजद, चार गिरफ्तार

भोले-भाले आदिवासियों की ज़मीन पर भूमाफिया की गिद्ध दृष्टि
📍 वारासिवनी, बालाघाट | 23 जुलाई 2025
जिला बालाघाट के वारासिवनी क्षेत्र में आदिवासियों की भूमि पर चल रही धोखाधड़ी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताज़ा मामला ग्राम पंचायत खापा से सामने आया है, जहाँ एक 60 वर्षीय आदिवासी महिला की 1.110 हेक्टेयर ज़मीन को षड्यंत्रपूर्वक फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से हड़प लिया गया।

पुलिस ने इस मामले में अब तक छह लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से चार को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, जबकि दो आरोपी अब भी फरार हैं।



🔍 पूरा मामला क्या है?

ग्राम पंचायत खापा स्थित खसरा नंबर 536, 537/1, 538/2 के अंतर्गत 1.110 हेक्टेयर ज़मीन देवकी बाई पिता कुंजीलाल कुमरे के नाम दर्ज है। वर्तमान में वह सत्यानंद विहार कॉलोनी, जबलपुर में अपने पति के साथ निवास करती हैं।

9 नवंबर 2023 को कमला बाई पति जीवन उइके नामक महिला ने ममता उर्फ मुनिता मेश्राम को उक्त ज़मीन फर्जी तरीके से बेच दी। इस रजिस्ट्री में मनोज मेश्राम, स्वरूप टेंभरे, विकास गौतम ने पहचानकर्ता और गवाह की भूमिका निभाई।


⚖️ एफआईआर, गिरफ्तारी और रिमांड

पीड़िता देवकी बाई को जब फर्जी सौदे की भनक लगी, तो उन्होंने थाना वारासिवनी में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने 17 जुलाई को धारा 419, 420, 120बी, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

अब तक नामजद आरोपियों में शामिल हैं:

  1. देवकी बाई पति जीवन उइके – झालीवाड़ा

  2. ममता उर्फ मुनिता मेश्राम – खापा

  3. मनोज मेश्राम – खापा

  4. स्वरूप टेंभरे – झालीवाड़ा

  5. विकास गौतम – खापा

  6. विवेक पटले – मिश्रा नगर, वारासिवनी

इनमें से चार आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं, जबकि विवेक पटले और स्वरूप टेंभरे अब तक फरार हैं।


सब-रजिस्ट्रार और सर्विस प्रोवाइडर की भूमिका संदिग्ध

इस पूरे प्रकरण में सब-रजिस्ट्रार कार्यालय वारासिवनी और संबंधित सर्विस प्रोवाइडर की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान दस्तावेजों की सत्यता की जाँच अनिवार्य होती है, बावजूद इसके आधार और पहचान पत्रों की स्पष्ट पुष्टि के बिना रजिस्ट्री संपन्न हो गई।

अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह लापरवाही थी या मिलीभगत?
पुलिस ने अब तक सब-रजिस्ट्रार और दस्तावेज़ तैयार करने वाले सर्विस प्रोवाइडर को आरोपी नहीं बनाया है, जिससे जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं।


🧓 पीड़िता की मांग: न्याय और कड़ी कार्रवाई

पीड़िता देवकी बाई ने साफ कहा है कि "मेरी ज़मीन मेरी जीवन भर की जमा पूंजी है। उसे छल-कपट से छीन लिया गया। जिन पर दस्तावेज़ों की पुष्टि की जिम्मेदारी थी, उन्होंने आंखें मूंद लीं। मैं निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई चाहती हूं।"


👮 पुलिस क्या कहती है?

मामले की जांच गहनता से जारी है। अब तक 6 आरोपी सामने आ चुके हैं, जिनमें से 4 को न्यायालय ने जेल भेज दिया है। फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
— पवन यादव, उपनिरीक्षक, थाना वारासिवनी

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