अविरल 'बोल बम' और 'हर हर महादेव' के घोष ने संपूर्ण परिसर को शिवमय ऊर्जा से भर दिया। यह आध्यात्मिक उत्सव श्रावण मास के सभी सोमवारों तक निरंतर जारी रहेगा, जब तक कि अंतिम सोमवार शिवभक्तों के प्रेम व समर्पण की चरम सीमा न छू ले।
मंदिर परिसर के पंडा भवन लिल्हारे जी ने बताया कि सावन की इस पुण्य बेला में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना में लीन हो रहे हैं। विशेषकर प्रथम सोमवार को अलसुबह से ही मंदिर के प्रांगण में दर्शनार्थियों की कतारें लग गईं, जो देर रात तक बनी रहीं। शिव का जलाभिषेक कर भक्तों ने महाप्रसादी का वितरण कर अपनी भक्ति को दिव्य आहूतियों में रूपांतरित किया।
मंदिर प्रबंधन ने जानकारी दी कि श्रावण मास के दौरान प्रतिदिन रामचरित मानस का पाठ चल रहा है। इसके अतिरिक्त, 27 जुलाई को अखंड रामायण पाठ का आयोजन सुनिश्चित किया गया है, जिसका समापन 28 जुलाई को महाआरती, विशेष पूजन एवं सामूहिक हवन के साथ होगा। इसके उपरांत विशाल महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।
जनसामान्य से निवेदन किया गया है कि इस अनुपम अवसर पर अधिकाधिक संख्या में सम्मिलित होकर देवाधिदेव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करें और आत्मिक उन्नयन का अनुभव करें। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा के पुनर्जागरण और भक्ति के उद्गारों का महापर्व है।
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