📍 लांजी, बालाघाट | 23 जुलाई 2025
मानसून के दौरान दूषित पानी से फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सतर्क हो गया है। जिले के लांजी विकासखंड अंतर्गत ग्राम वारी, केरेगांव एवं दहेगांव में "डायरिया रोको अभियान" के तहत जल स्रोतों का क्लोरीनीकरण (chlorination) किया गया।
🔬 स्वच्छ जल, सुरक्षित जीवन: क्लोरीनीकरण से बचाव
बारिश के मौसम में दूषित पेयजल से डायरिया, पेचिश, हैजा और टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन्हीं खतरों से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा यह पहल की गई है।
क्लोरीनीकरण क्या है?
यह एक कीटाणुनाशक प्रक्रिया है, जिसमें क्लोरीन या सोडियम हाइपोक्लोराइट को पानी में मिलाया जाता है, जिससे पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और सूक्ष्मजीव समाप्त हो जाते हैं।
✅ ग्रामों में हुई विशेष कार्यवाही:
📌 ग्राम वारी:
पेयजल स्रोतों में क्लोरीन का समुचित उपयोग कर जल शुद्धिकरण किया गया। ग्रामीणों को जल स्रोतों के पास कचरा न फेंकने और ढक्कनयुक्त बर्तन में पानी रखने के लिए जागरूक किया गया।
📌 ग्राम केरेगांव:
जल स्रोतों की साफ-सफाई के साथ घर-घर जाकर पानी उबालकर पीने और हैंडवॉश की आदत डालने पर बल दिया गया।
📌 ग्राम दहेगांव:
पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में क्लोरीनीकरण कार्य पूरा किया गया। ग्रामीणों को डायरिया के शुरुआती लक्षणों और ओआरएस उपयोग की जानकारी दी गई।
📢 जनजागरूकता भी अभियान का हिस्सा:
सिर्फ तकनीकी उपाय ही नहीं, बल्कि जनजागरूकता को भी अभियान का अहम हिस्सा बनाया गया। ग्रामीणों को यह बताया गया कि—
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जल स्रोतों को ढककर रखें
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खुले में शौच न करें
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नलों के पास सफाई रखें
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दस्त होने पर तुरंत ओआरएस घोल दें
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गंभीर स्थिति में निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाएं
🗣️ प्रशासन का संदेश:
डायरिया जैसी बीमारियों से बचाव, स्वच्छ जल और जागरूकता से ही संभव है। हमारा उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को बीमारी मुक्त बनाना है।
— लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लांजी
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