ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय स्थित दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में हुए इस भव्य आयोजन में सामाजिक समरसता को समर्पित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मंत्रीगण और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस अवसर पर अनेक समाजसेवियों और खिलाड़ियों को “समरसता सम्मान” से सम्मानित किया गया।
सम्मेलन की मुख्य बातें:
✦ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे विकास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौरवशाली परंपरा की पुनर्स्थापना के लिए सामाजिक समरसता आवश्यक है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कबीरदास के दोहे— “जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान...” आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने बताया कि संत शंकराचार्य जैसे महापुरुषों ने भी ज्ञान को जाति से ऊपर रखा।
✦ अम्बेडकर धाम के विस्तार के लिए स्वीकृत राशि
डॉ. यादव ने घोषणा की कि ग्वालियर जिले के जौरासी में निर्मित हो रहे अम्बेडकर धाम के दूसरे चरण के लिए ₹12.16 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। यहां म्यूजियम, पुस्तकालय और ऑडिटोरियम सहित कई संरचनाएं बनेंगी। इस धाम में भविष्य में सामाजिक समरसता सम्मेलन भी आयोजित होंगे।
केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया का संबोधन:
श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की भावना ही हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव केवल विकास ही नहीं, सामाजिक समरसता की नींव भी मजबूत कर रहे हैं। सिंधिया ने कहा कि भारत जैसा संतुलन आर्थिक और आध्यात्मिक विकास का दुनिया में और कहीं नहीं है।
सम्मानित विभूतियाँ:
सम्मेलन में छह प्रतिष्ठित हस्तियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया:
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श्री सतेन्द्र सिंह लोहिया – अंतर्राष्ट्रीय पैरास्विमर
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श्री मनीष कुमार – पैरा आर्म्स रेसलर
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श्री सुधीर राव दुरापे – "ब्लड मैन"
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कु. सोनिया कुमरे – हॉकी खिलाड़ी
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श्री रतीराम सुमन – देहदान संकल्पकर्ता
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श्रीमती गीता बाई यादव – जल संवर्धन में अग्रणी
हितग्राहियों को मिला स्वरोजगार का संबल:
मुख्यमंत्री ने PMEGP योजना के तहत विभिन्न हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिए राशि वितरित की:
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श्रीमती रेखा खेमरिया – ₹9.4 लाख
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श्री देवेन्द्र राठौर – ₹37.5 लाख
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श्री नागार्जुन – ₹25 हजार
अन्य वक्ताओं की बातें:
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श्री नरेन्द्र सिंह तोमर – “नर सेवा ही नारायण सेवा” से ही समरसता मजबूत होगी।
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श्री लाल सिंह आर्य – सनातन परंपरा ने समता का संदेश सदैव दिया है।
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श्री उमाशंकर पचौरी – यह सम्मेलन एक नई सामाजिक चेतना का प्रारंभ है।
समापन में सामूहिक भोज और शपथ
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को सामाजिक समरसता की शपथ दिलाई गई। मुख्यमंत्री सहित सभी प्रमुख नेताओं ने सामूहिक भोज में शामिल होकर सामाजिक एकता का प्रतीकात्मक संदेश दिया।
ग्वालियर की पावन भूमि से उठी यह समरसता की अलख निश्चित ही मध्यप्रदेश ही नहीं, पूरे भारत में सामाजिक सद्भाव, समानता और ज्ञान के नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में यह पहल एक सांस्कृतिक और सामाजिक पुनर्जागरण की ओर बढ़ता कदम है।
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