मक्के की खेती में तकनीकी क्रांति: जबलपुर के किसानों को रेज्ड बेड प्लांटर मशीन से मिली सफलता

फसल बची, पैदावार बढ़ी और आय में हुआ इजाफा

जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार ने नई उम्मीदें जगाई हैं। यहां के किसानों ने मक्के की बोवनी में रेज्ड बेड प्लांटर मशीन के सफल उपयोग से खेती को नई दिशा दी है। अत्यधिक वर्षा के बावजूद इस मशीन से बोए गए मक्के की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इससे यह साबित होता है कि उन्नत तकनीक अपनाकर किसान मौसम की मार से भी सुरक्षित रह सकते हैं।


क्या है रेज्ड बेड प्लांटर मशीन?

रेज्ड बेड प्लांटर मशीन एक उन्नत कृषि यंत्र है, जो खेत में मिट्टी की मेड बनाकर उस पर बोवनी करता है। इसमें विशेष नालियों की व्यवस्था होती है, जिससे बारिश का पानी आसानी से निकल जाता है और फसल जलभराव से सुरक्षित रहती है। वहीं कम वर्षा की स्थिति में यही जल सीधा जड़ों में पहुंचता है, जिससे पौधों को जरूरी नमी मिलती है।

मक्का, दलहन व तिलहन फसलों के लिए वरदान

कृषि अभियांत्रिकी अधिकारी श्री एन.एल. मेहरा ने बताया कि यह तकनीक खासकर मक्का, दलहन और तिलहन फसलों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इससे जहां फसलों की उत्पादकता बढ़ती है, वहीं किसानों की आर्थिक आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि होती है।

नरेंद्रपुर के किसान बीडी अरजरिया बने उदाहरण

पनागर विकासखंड के नरेंद्रपुर गांव के प्रगतिशील किसान बीडी अरजरिया ने रेज्ड बेड प्लांटर मशीन से मक्के की बुवाई की और उन्हें बेहतरीन परिणाम मिले। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के बावजूद फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ और पैदावार में बढ़ोतरी दर्ज की गई। उनकी इस सफलता को देखकर आसपास के कई किसानों ने इस पद्धति को अपनाने की पहल की है।

कृषि में नवाचार ही है भविष्य

रेज्ड बेड प्लांटर तकनीक से यह स्पष्ट होता है कि स्मार्ट कृषि उपकरणों और विज्ञान आधारित खेती को अपनाकर किसान न केवल प्राकृतिक आपदाओं से अपनी फसल बचा सकते हैं, बल्कि उत्पादन और आमदनी दोनों को बढ़ा सकते हैं। जबलपुर का यह उदाहरण देशभर के किसानों के लिए प्रेरणा है।

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